Air Pollution: धुंध, धूल और धुएं से बढ़ने लगी दिलों की धड़कन, बुजुर्ग ही नहीं; युवा भी हो रहे हृदय रोग के शिकार
जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी की पड़ताल करने पर पाया गया कि सांस के सबसे अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं आंखों में जलन के 141और सांस के 123 मरीज पहुंचे। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। धुंध,धूल और धुआं से बच्चे, बुजुर्ग ही नहीं युवाओं के दिलों की धड़कन बढ़ने लगी है। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में सांस और हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है।
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सांस के मरीज की उपचार के दौरान मौत
शुक्रवार को संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे मधुबन-बापूधाम के रहने वाले सांस के गंभीर मरीज 52 वर्षीय अशोक शनिवार को उपचार के दौरान के मौत हो गई। मृतक के भाई सोनू ने बताया कि जीटीबी अस्पताल में चिकित्सकों ने पूरी रात वेंटिलेटर पर रखकर आक्सीजन दी, लेकिन सुबह 10 बजे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
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जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी की पड़ताल करने पर पाया गया कि सांस के सबसे अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा. मुकेश चंद्रा की ओपीडी में 310 बीमार बच्चे पहुंचे। इनमें से अधिकांश की पसली चल रही थी। 22 बच्चों को भर्ती किया गया है।
सीएमएस डॉ. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि ओपीडी में 213 हृदय रोगी पहुंचे। इनमें से 65 की ईसीजी जांच कराने के बाद 12 को भर्ती किया गया है और तीन को रेफर। ओपीडी में आंखों में खुजली और जलन की शिकायत पर 168 मरीज पहुंचे।
जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे कुल 1530 में खांसी और गले में खराश के 423 मरीज पहुंचे। इनमें से 140 का छाती का एक्स-रे कराने पर 92 के फेफड़ों में संक्रमण पाया गया। बुखार के 250 और 234 त्वचा रोगी भी पहुंचे। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में 920 मरीजों में बुखार के 143 मरीजों के साथ 107 बीमार बच्चे पहुंचे।
आंखों में जलन के 141और सांस के 123 मरीज पहुंचे। 95 हृदय रोगी और 86 त्वचा रोगी भी पहुंचे। 27 को भर्ती किया गया और सात को रेफर । इनमें सांस के तीन गंभीर मरीज भी शामिल हैं। जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 92 है।
एक साल के बेटा अली की दो दिन से पसली चल रही हैं। रात को सांस लेने में परेशानी होती है। निमोनिया की आशंका पर चिकित्सक के पास आई हूं। वायु प्रदूषण बढ़ने से पूरे परिवार के सदस्यों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
- रूखसार, कांशीराम आवासीय योजना प्रतापविहार
तीन महीने के बेटी आयुषी को सांस लेने में परेशानी हो रही है। पसली तेज-तेज चलने में रात को डर लगने लगा। सुबह होते ही चिकित्सक को दिखाने आई हूं।
- नेहा, बम्हैटा
तीन साल के बेटे आदित्य को खांसी,जुकाम के साथ बुखार आ रहा है। पूरी रात बेटा सो नहीं पाया। सांस लेने में परेशानी होने पर अस्पताल आई हूं।
- राखी, पटेलनगर
बेवजह घर से न निकले। टहलना बंद कर दें। धूल,धुआं और धुंध से बचें। बाहर निकलें तो मास्क लगाकर निकलें। बाहर से घर आने पर चेहरे को साफ पानी से धो लें। भाप जरूर लें। खाने में संतुलित आहार लें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो। सांस, अस्थमा, हृदय,किडनी, बीपी, मधुमेह के मरीजों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर चिकित्सक की सलाह जरूर लें। घर पर योग करें। ब्रीदिंग से संबंधित व्यायाम करें।
- डॉ. संतराम वर्मा, फिजिशियन जिला एमएमजी अस्पताल

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