Happy Mother’s Day 2022: जान की परवाह किए बिना मां ने जिगर के टुकड़े को दान की किडनी, प्रेम पुत्र देख योगी सरकार ने भी किया ये काम
Happy Mother’s Day 2022 आजमगढ़ निवासी युवक मुंबई में डीजल का टैंकर चलाता है तबीयत खराब हुई तो डाक्टर ने किडनी का खराब होना बताया। कोरोना होने के कारण किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाई इसी साल अप्रैल में गाजियाबाद के अस्पताल में युवक को उसकी मां ने किडनी दी है।

गाजियाबाद [मदन पांचाल]। मां का दिल बहुत बड़ा होता है। बच्चे को जन्म देने के बाद मां उसके लिए जान भी दे सकती है। दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जा रहा है, वहीं पर आजमगढ़ के गांव कोहड़ी बुजुर्ग में खेती करके जीविका चलाने वाली 48 वर्षीय राधिका ने अपनी किडनी दान देकर कलेजे के टुकड़े पिंटू पासवान का दर्द दूर कर दिया है। राधिका और पिंटू स्वस्थ हैं और खुश भी। सरकार ने पिंटू को पांच लाख रुपये का अनुदान भी दिया है।
दरअसल 32 वर्षीय पिंटू मुबंई में डीजल के टैंक का चालक है। अप्रैल 2020 में दोनों पैरों में सूजन आने पर वह घबरा गया। चिकित्सक से मिला तो उसने जांच के बाद किडनी को खराब बताया। कोरोना के दस्तक देने से किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो पाई। एक अप्रैल 2022 को गाजियाबाद के वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल में पिंटू की किडनी ट्रांसप्लांट हो गई।
किडनी उसकी मां राधिका ने दान दी है। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति के बाद पिंटू की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है। इस प्रक्रिया में कुल 13 लाख रुपये का खर्च आया। इसमें पिंटू को प्रदेश सरकार द्वारा पांच लाख रूपये का अनुदान दिया गया है जबकि शेष आठ लाख के खर्च के लिए पिंटू की मां ने कर्ज लिया।
पिंटू की पत्नी ममता व उसकी बेटी भी खुश है। पिंटू ने बताया कि उनके पिता रमेश पासवान व मां राधिका पांच बीघा जमीन पर खेती के माध्यम से परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। पिंटू के छह भाई और चार बहनें हैं।
दो साल में 52 ने किया किडनी का दान
किडनी ट्रांसप्लांट कराने देश-विदेश के लोग हर साल गाजियाबाद आते हैं। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि वर्ष 2019 में 16, 2020 में 13, 2021 में तीन और 2022 में अब तक 20 लोगों को किडनी दान करने और ट्रांसप्लांट की अनुमति जारी की गई है। इनमें मां ने बहन, बेटे ने मां, बहन ने भाई और बेटी ने बाप को किडनी दान किए जाने की अनुमति शामिल है।
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