नए कृषि कानूनों के रद होने के ऐलान पर खुश हुए किसान, खाई जलेबी और बांटा रसगुल्ला
Kisan Andolan At UP Border शुक्रवार सुबह प्रदर्शनकारियों को जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की बात कही है। इसके बाद गुरु नानक देव का जन्म उत्सव मना रहे प्रदर्शनकारियों की खुशी दोगुनी हो गई।

नई दिल्ली/गाजियाबाद [धनंजय वर्मा]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर बैठे किसानों को शुक्रवार सुबह जब यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही है तो वे खुशी से झूम उठे। जानकारी मिलते ही आसपास मौजूद किसान प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। वहीं, इलाके के लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के उठने से उन्हें दिल्ली जाने के लिए अब दूर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सैकड़ों प्रदर्शनकारी यूपी गेट पर दिल्ली जाने वाली दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच नौ की सभी लेन को बंद कर 28 नवंबर 2020 से बैठे हुए हैं। शुक्रवार सुबह प्रदर्शनकारियों को जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की बात कही है। इसके बाद गुरु नानक देव का जन्म उत्सव मना रहे प्रदर्शनकारियों की खुशी दोगुनी हो गई। तुरंत ही यूपी गेट पर जलेबी और रसगुल्ले बनाए गए और इन्हें बांटकर खुशी का इजहार किया गया।
कानून वापसी के बाद ही यूपी गेट से उठेंगे प्रदर्शनकारी
यूपी गेट पर डटे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अभी लिखित में सरकार की ओर से कुछ नहीं मिला है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल से कहा कि जब तक पार्लियामेंट से बिल वापस नहीं हो जाता तब तक किसान दिल्ली बार्डर पर डटे रहेंगे। वहीं, यूपी गेट पर डटे किसान भी यही कह रहे हैं कि संगठनों की ओर से जो निर्णय लिया जाएगा वह वही करेंगे।
दिल्ली जाने वालों में भी खुशी
दिल्ली में कारोबार या नौकरी के सिलसिले से आने जाने वाले लोगों में भी खुशी की लहर है। इंदिरापुरम के ज्ञान खंड - चार निवासी विजेंद्र चौधरी का कहना है कि यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों के सड़क पर प्रदर्शन करने के कारण दिल्ली दूर हो गई है। उन्हें यूपी गेट के रास्ते अपने दफ्तर पहुंचने में मात्र 20 मिनट लगते थे। यूपी गेट का रास्ता बंद होने से अब दूसरे बार्डर से उन्हें अपने दफ्तर जाना पड़ता है, जिससे दो घंटे लग जाते हैं। इससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है। प्रदर्शनकारी हटते हैं तो लाखों लोगों को दिल्ली आने जाने में राहत मिल जाएगी।

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