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    Yamuna Water Lavel: गाजियाबाद के लोनी में बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर 211 मीटर के पार

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:31 PM (IST)

    लोनी में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है जिससे खादर क्षेत्र की जमीन जलमग्न हो गई है। प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।

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    यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। फाइल फोटो

    संवाददाता, लोनी। हथिनी कुंड बैराज से सोमवार सुबह छोड़ा गया 3.29313 क्यूसेक पानी लोनी पहुंचने लगा है। मंगलवार दोपहर लोनी में यमुना का जलस्तर बढ़कर 211.20 मीटर हो गया है। जिससे लोगों में दहशत है। खादर क्षेत्र की सैकड़ों बीघा जमीन जलमग्न होने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गई है। जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ की आशंका है।

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    पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात कर दी गई हैं। प्रशासनिक अधिकारी लगातार तटबंध का जायजा ले रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए चिकित्सा, भोजन और आश्रय की तैयारी कर ली गई है। वहीं, लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।

    बता दें कि यमुना नदी में खतरे का निशान 209 मीटर है। 19 अगस्त को भी यमुना का जलस्तर 210.55 मीटर के आसपास पहुंच गया था। हालांकि पिछले 10 दिनों से जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही थी, लेकिन यह कमी बहुत धीमी गति से हो रही थी।

    जलस्तर में कमी होने से पचैरा, बदरपुर, मीरपुर हिंदू, नौरस पुर, हरमपुर, अल्ली पुर, इलायची पुर, खानपुर जपती गांव के खेतों से बाढ़ का पानी उतर रहा था, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली थी, लेकिन मानसून के सक्रिय होने और सोमवार सुबह हथिनी कुंड से 3.29313 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।

    सोमवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर जहां 210.20 मीटर मापा गया था, वहीं मंगलवार को जलस्तर बढ़कर 211.20 मीटर हो गया। अपर जिलाधिकारी सौरभ भट्ट ने बताया कि बाढ़ की आशंका के चलते तटबंध की निगरानी की जा रही है।

    आपदा से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नाव, गोताखोर और एनएडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर उनके लिए 12 आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

    लोगों को अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहने के लिए घोषणाएँ की जा रही हैं। हर गतिविधि पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। उन्होंने लोगों से धैर्य रखने और भ्रामक खबरें न फैलाने की अपील की है। अधिकारी बागपत सीमा क्षेत्र पर लगातार नज़र रख रहे हैं।