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    Ghaziabad: पावर आफ अटार्नी पर रोक लगाने के विरोध में तीसरे दिन भी जारी रही हड़ताल

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 12 Jan 2023 12:19 PM (IST)

    गाजियाबाद के गौतमबुद्ध नगर में पावर आफ अटार्नी पर रोक लगाने के विरोध में तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रही। अधिकारियों ने हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं से बात कर हड़ताल खत्म करने को कहा लेकिन वे नहीं माने।

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    पावर आफ अटार्नी पर रोक लगाने के विरोध में तीसरे दिन भी जारी रही हड़ताल

    जासं, गाजियाबाद : स्टांप एवं पंजीयन विभाग की प्रमुख सचिव वीणा कुमारी द्वारा पत्र जारी कर गाजियाबाद व गौतमबुद्ध नगर में पावर आफ अटार्नी पर रोक लगाने के विरोध में तीसरे दिन बुधवार को भी तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने हड़ताल जारी रखी। उनके समर्थन में बुधवार को लोनी तहसील के भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक प्रमुख सचिव द्वारा पत्र वापस नहीं लिया जाता और अधिवक्ताओं को संगठित गिरोह कहने पर सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट नहीं किया जाता है, हड़ताल जारी रहेगी।

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    एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि वह बुधवार को अधिवक्ताओं से मिले। उनको बताया कि शासन द्वारा जारी किए गए आदेश का पालन कराना उनकी जिम्मेदारी है। इसीलिए पावर आफ अटार्नी का पंजीकरण बंद किया गया है। ऐसे में संपत्तियों की रजिस्ट्री सहित अन्य कार्य जारी रखने चाहिए ताकि संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए आने वाले लोगों को परेशानी न हो।

    अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया गया है कि उनका पक्ष भी शासन तक पहुंचाया जाएगा। उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की गई। उधर, तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि एडीएम विवेक श्रीवास्तव व एसडीएम विनय कुमार सिंह को चार सूत्रीय मांग का ज्ञापन प्रमुख सचिव वीणा कुमारी के नाम सौंपा गया है। जब तक मांगें पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी।

    रजिस्ट्री कराने वालों का इंतजार बढ़ा

    तहसील सदर में अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण संपत्ति की रजिस्ट्री सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहा है, रजिस्ट्री कराने वालों का इंतजार बढ़ रहा है। रोजाना गाजियाबाद में ही औसतन 500-550 संपत्ति की रजिस्ट्री होती है। इससे विभाग को पांच करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलता है जो हड़ताल के कारण रजिस्ट्री न होने के कारण नहीं मिल रहा है।

    इसलिए है प्रतिबंध का विरोध

    अधिवक्ता अशोक कुमार वर्मा ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति को विदेश जाना पड़ जाए तो वह अपने किसी करीबी के नाम संपत्ति का मुख्तारनामा करके जाता है ताकि जब वह विदेश में हो तो संपत्ति की देखरेख सहित उसकी बिक्री सहित अन्य कार्य वह व्यक्ति करे जिसके नाम पर मुख्तारनामा हो।

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    यदि संपत्ति जिस व्यक्ति के नाम मुख्तारनामा हुआ है उसके द्वारा बेची जाती है तो धनराशि मुख्तारकर्ता (असल मालिक) के बैंकखाते में ही जाएगी न कि जिस व्यक्ति के नाम मुख्तारनामा हुआ है। पावर आफ अटार्नी बंद होने से लोगों को परेशानी होगी। वहीं, अधिवक्ताओं के काम पर भी फर्क पड़ेगा।

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