Ghaziabad News: जर्जर विद्यालयों के ध्वस्तीकरण के बाद होगा पुनर्निर्माण, 19 पैरा मीटर किए जाएंगे पूरे
गाजियाबाद में जर्जर विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग तत्पर है। सर्वे के बाद जर्जर विद्यालयों की नई सूची तैयार की जा रही है। पहले से चिह्नित 24 विद्यालयों की नीलामी हो चुकी है जिनका ध्वस्तीकरण जल्द होगा। कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों में सुधार किया जाएगा और खाली विद्यालयों में बाल वाटिका शुरू करने की योजना है।
दीपा शर्मा, गाजियाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जिले में 24 जर्जर विद्यालयों की सूची तैयार की गई थी। इसके बाद वर्षा में बड़ी संख्या में स्कूलों के भवनों में खामियों के शिकायत मिली। दैनिक जागरण द्वारा भी अभियान चलाकर विद्यालयों की इमारत से जुड़ी समस्याओं को उजागर किया गया था।
जर्जर विद्यालयों में विद्यालय में सुधार के क्या प्रयास हैं? सर्वे की क्या स्थिति है? विद्यालयों में चारदीवारी पेयजल आदि की समस्या, जिले में घटते नामांकन आदि को लेकर दैनिक जागरण की दीपा शर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव से की बातचीत के कुछ अंश....
जिले में वर्षा के मौसम में विद्यालयों के जर्जर भवनों की संख्या बढ़ गई है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जर्जर विद्यालयों की सूची तैयार करने के लिए सर्वे शुरू कराया था फिलहाल सर्वे की क्या स्थिति है।
जिले में सभी विद्यालयों का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे का कार्य अभी चल रहा है। जर्जर विद्यालयों में सुधार के लिए नई सूची तैयार की जा रही है।
पूर्व में जिन 24 जर्जर विद्यालयों की सूची तैयार की गई थी, उन विद्यालयों में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। उन पर आपका क्या कहना है?
पूर्व में जिन 24 विद्यालयों की सूची तैयार की गई थी। उनकी नीलामी हो चुकी है। जल्दी ही उनका ध्वस्तीकरण करण हो जाएगा। ध्वस्तीकरण के बाद विद्यालयों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।
कई विद्यालयों में चारदीवारी टूटी हुई है। शौचालय बदहाल स्थिति में है। पेयजल आदि की भी समस्या है। इस पर आपका क्या कहना है?
जिन विद्यालय में खामियां हैं उन सभी में 19 पैरामीटर पूरे करने के लिए कायाकल्प किया जाएगा।कायाकल्प के लिए सर्वे कराकर समस्या वार सूची तैयार कर ली गई है। जल्दी ही इन विद्यालय में कार्यकाल करते हुए समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
कुछ विद्यालय में पेयरिंग के बाद भवनों का ढांचा जर्जर हो रहा है। बाल वाटिका भी शुरू नहीं हुई है। इन विद्यालयों का क्या होगा ?
अभी पेयरिंग हुई है। जल्दी ही इन खाली विद्यालयों में बालवाटिका के संचालन की तैयारी की जाएगी। कुछ विद्यालय में लाइब्रेरी आदि बनाने पर विचार किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में नामांकन संख्या लगातार घट रही है। विभाग द्वारा नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
स्कूलों में नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। दाखिलों की संख्या भी बढ़ रही है। अभी सितंबर तक दाखिले होंगे। ऐसे में नामांकन संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है।
जिले में आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में सीट अलॉट होने के बाद भी बड़ी संख्या में बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाता। इसके बाद भी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती? इस साल दाखिलों की क्या स्थिति है। दाखिला न लेने वाले विद्यालयों पर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी?
बीते वर्षों के मुकाबले इस साल सबसे अधिक आरटीई के तहत दाखिले अधिक हुए हैं। जो विद्यालय हर साल दाखिला नहीं लेते थे इस साल उन स्कूलों में भी दाखिला लिया है। इस साल चार हजार से अधिक बच्चों के दाखिल कराए गए हैं।
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