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    Ghaziabad Accident: सुबह 6-9 बजे और रात 9-12 बजे की अवधि में सड़क हादसों में गई सर्वाधिक जान, रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 07:43 AM (IST)

    गाजियाबाद में पुलिस और एक एनजीओ के अध्ययन के अनुसार 39% सड़क दुर्घटनाएं सुबह 6-9 बजे शाम 6-9 बजे और रात 9-12 बजे के बीच हुईं। सबसे अधिक मौतें रात 9-12 बजे के बीच हुईं। अध्ययन में 2022 से 2025 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया जिसमें 1219 लोगों की जान गई। दुर्घटनाओं के मुख्य कारण अनियंत्रित यू-टर्न खराब रोशनी और सड़क किनारे अतिक्रमण हैं।\

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    सड़क हादसों को लेकर अध्ययन किया गया। (फाइल फोटो)

    विनीत कुमार, गाजियाबाद। सड़क हादसों को लेकर पुलिस द्वारा गैर सरकारी संगठन द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक 39 प्रतिशत लोगों की जान सुबह छह से नौ बजे, शाम छह बजे से नौ बजे और रात नौ बजे से 12 बजे की अवधि में गई है।

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    अध्ययन में सड़क हादसों में सर्वाधिक मौत रात नौ बजे से 12 बजे के बीच होना आया, जबकि सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच 137 लोगों की जान गई है। शनिवार को हुआ हादसा भी सुबह करीब पौने छह बजे का है।

    रिपोर्ट में पाया गया है कि जिले के 25 पुलिस थानों में से 56 प्रतिशत सड़क हादसों में मौत नौ थाना क्षेत्र में हुई हैं। इनमें सर्वाधिक मौत मसूरी, इंदिरापुरम, साहिबाबाद, कविनगर और मुरादनगर थाना क्षेत्र में हुई हैं। अध्ययन करने वाले संगठन ने सर्वाधिक सड़क हादसों वाली सड़कों की सूची भी पुलिस को उपलब्ध कराई है।

    एनजीओ ने एक जनवरी 2022 से 31 मार्च 2025 तक के आंकड़ों पर अध्ययन किया। इस अवधि में सड़क हादसों में 1219 लोगों की जान गई हैं, जिनमें से 82 प्रतिशत मौत वाहनों में पीछे से टक्कर लगने और वाहन के आगे पैदल यात्री आने की वजह से होना पाया गया।

    अध्ययन में यह आया सर्वाधिक हादसों में मौत का समय

    समय मौत
    रात 9-12 बजे 175
    शाम 6-9 बजे 163
    सुबह 6-9 बजे 137

    नोट-आंकड़े एक जनवरी 2022 से 31 मार्च 2025 की अवधि के हैं।

    चार साल में हुए सड़क हादसे

    वर्ष सड़क हादसे मृत्यु घायल
    2022 886 363 638
    2023 991 365 704
    2024 996 381 781
    2025 729 260 564

    नोट-आंकड़े एक जनवरी 2022 से 31 अगस्त 2025 की अवधि के हैं।

    96 महत्वपूर्ण स्थानों पर 276 दुर्घटनाओं की वजह

    • अनियंत्रित मीडियन ओपनिंग (यू-टर्न के लिए बिना संकेत या नियंत्रण के खुले रास्ते)
    • अपर्याप्त रोशनी / खराब स्ट्रीट लाइटिंग
    •  असंगत सड़क संरचना (जैसे संकीर्ण पुल, अचानक लेन खत्म होना आदि)
    •  सड़क किनारे अतिक्रमण
    •  असमान फुटपाथ / मिटे हुए या अस्पष्ट रोड मार्किंग
    •  नियमित सड़क रखरखाव कार्य की अनुपस्थिति
    •  बस स्टाप के पास ट्रक खड़े होने की जगह (ले-बाय) के कारण रास्ते में अवरोध
    •  बस स्टाप पर यात्री सुविधाओं की कमी
    • खराब मोड़ या सड़क डिजाइन के कारण दृश्यता में बाधा
    • अत्यधिक झाड़ियां/पेड़ (जो सड़क की दृश्यता को बाधित करते हैं)
    • संकीर्ण कंधा (सड़क के किनारे की सुरक्षा पट्टी का अभाव या संकीर्णता)
    • चौक, बस स्टाप आदि पर अनुशासनहीन पार्किंग (कार, बस आदि का अव्यवस्थित खड़ा होना)

    सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। शहर के प्रमुख चौराहों पर 24 घंटे यातायातकर्मियों की तैनाती की गई है। सर्वाधिक हादसे वाले ब्लैक स्पाट नए सिरे से चिन्हित करने के लिए काम किया जा रहा है।

    - सच्चिदानंद, एडीसीपी ट्रैफिक