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    Ghaziabad News: रामलीला में जल ही जीवन से लेकर नशा मुक्ति का दिया जाएगा संदेश, उत्तराखंड के कलाकार निभाएंगे सभी रोल

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 09:06 AM (IST)

    गाजियाबाद के इंदिरापुरम में धरोहर सामाजिक रामलीला समिति 18वां रामलीला मंचन करेगी। इस बार रामलीला में भीमताली शैली का प्रदर्शन होगा जिसमें जल संरक्षण और नशा मुक्ति जैसे सामाजिक संदेश दिए जाएंगे। जल है तो कल है थीम के माध्यम से जल के महत्व को बताया जाएगा और युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उत्तराखंड के कलाकार मुख्य भूमिकाएँ निभाएँगे।

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    धरोहर परिवार की रामलीला का प्रवेश द्वार। सौ. आयोजक

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। ट्रांस हिंडन की रामलीलाओं में समाज को बेहतर राह दिखाते हुए अलग-अलग संदेश देखने को मिलेंगे। कहीं नारी सशक्तिकरण तो कहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। ऐसा ही कुछ इंदिरापुरम के न्याय खंड-एक स्थित शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाली रामलीला में देखने को मिलेगा। यहां जल ही जीवन से लेकर लोगों को नशा मुक्त करने का संदेश दिया जाएगा।

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    इंदिरापुरम के न्याय खंड-एक में धरोहर सामाजिक समिति द्वारा इस बार 23 अक्टूबर से 18वां रामलीला मंचन किया जाएगा। भीमताली शैली में होने वाले मंचन में छंद से लेकर चौपाई तक सभी इसी शैली में होंगी। जल का महत्व बताने व बर्बाद न करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

    साथ ही जल संचयन के माध्यम से भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए भी विभिन्न उपाय बताए जाएंगे, जिससे भविष्य में लोगों को पानी के संकट से न जूझना पड़ा। समिति के मीडिया प्रभारी शिवराज रावत का कहना है कि एनसीआर की आबादी लगातार बढ़ रही है।

    गाजियाबाद में गंगाजल की आपूर्ति जरूरत के हिसाब से नहीं हो रही है। घरों में आपूर्ति के लिए भू-जल का उपयोग किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में पानी का संकट गहरा सकता है। उसी को ध्यान में रखते हुए इस बार रामलीला की थीम में ''''जल है तो कल है'''' थीम को भी शामिल किया गया है।

    इसका उद्देश्य जल ही जीवन है का संदेश देना है। यहां की रामलीला में सभी रोल मूलरूप से उत्तराखंड के लोग ही निभाएंगे, जो अब शहर में रह रहे हैं। समिति के निर्देशक गोपाल घुग्तियाल, चंदन मेहरा, सह निर्देशक रामचंद्र सती, अध्यक्ष राजेश जोशी, संस्कृति सचिव रचना बिष्ट आदि रामलीला मंचन की तैयारी में जुटे हैं।

    नशा मुक्ति व प्लास्टिक मुक्त का दिया जाएगा संदेश

    युवाओं में नशे की लत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। रामलीला में इस बार ''नशा मुक्ति'' थीम भी शामिल की गई है। विभिन्न माध्यम से युवाओं को जागरूक किया जाएगा। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही नो प्लास्टिक उपयोग को भी थीम में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है।