गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण की डेड लाइन खत्म, पटरी से उतरी 350 करोड़ की परियोजना
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण का कार्य कछुआ गति से चल रहा है। 350 करोड़ की इस परियोजना में जून तक केवल 30% काम हुआ है जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। हवाई अड्डे की तर्ज पर स्टेशन का निर्माण होना है लेकिन निर्माण सामग्री फैली होने से यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। स्टेशन को आधुनिक बनाने की योजना है।

हसीन शाह, गाजियाबाद। ब्रिटिश कालीन देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण की 350 करोड़ की परियोजना का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है। जून तक निर्माण पूरा करने के डेड लाइन थी। जबकि अभी तक महज 30 प्रतिशत ही काम हुआ है।
इस स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाया जाना है। वहीं निर्माण कार्य में देरी के चलते स्टेशन पर आने-जाने वाले प्रतिदिन हजारों लोगों को परेशानी हो रही है। यात्रियों को प्लेटफार्म पर ठीक से खड़े होने के लिए जगह नहीं है।
रेलवे स्टेशन का 350 करोड़ की परियोजना के तहत पुनर्निर्माण हो रहा है। हवाई अड्डे की तर्ज पर स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण होना है। यह कार्य जनवरी 2023 में शुरू हुआ था। यह काम 30 माह में पूरा किया जाना था। जून में 30 माह पूरे हो चुके हैं। निर्माण कार्य की अंतिम तिथि खत्म हो गई है।
स्टेशन हर तरफ निर्माण सामग्री और निर्माणाधीन बिल्डिंग दिख रही है। जैसे ही यात्री प्लेटफार्म नंबर पांच व छह पर पहुंचते हैं तो उन्हें यहां निर्माण सामग्री फैली मिलती है। निर्माण कार्य के चलते ऑटो स्टैंड व पार्किंग की माकूल व्यवस्था नहीं है। यात्री निर्माण सामग्री से बचते हुए प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं। निर्माण कार्य के चलते स्टेशन पर धूल उड़ रही है।
इस तरह होगा बिल्डिंग का निर्माण
पूर्व में स्टेशन की एक ही बिल्डिंग थी। इसे तोड़ दिया गया है। परियोजना के तहत तहत स्टेशन की दो बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। एक बिल्डिंग सिटी और दूसरी बिल्डिंग विजयनगर की साइड बनेगी। बेसमेंट के अलावा ग्राउंड के साथ दो मंजिल बिल्डिंग होगी।
बेसमेंट में केवल सर्विसेज होगी। दोनों बिल्डिंग को जोड़ने के लिए 72 मीटर चौड़ा कानकोर्स लेवल होगा। इस एरिया में यात्री को प्लेटफार्म पर जाने से पहले बैठने का इंतजाम होगा। यहां सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर का पांच मंजिल का हॉस्टल होगा।
प्लेटफार्मों पर जाने के लिए लिफ्ट, एस्क्लेटर और सीढ़ियों को व्यवस्था होगी। दो नए इलेक्ट्रिकल सब-स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। रेलवे स्टाफ के लिए मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। सभी प्लेटफार्म को अपग्रेड किया जाएगा।
मर्डन साइनेज, एलईडी बेस लाइटिंग औ स्टेशन दिव्यांग फ्रेंडली होगा। टिकट वेंडिंग मशीन और पार्किंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। ई-बस की पार्किंग, एक मल्टी लेवल पार्किंग, दो एफओबी, रैंप, प्लेटफार्म पर पहुंचने के लिए स्काइवाक बनाया जाना है। एक सिग्नल प्रशिक्षण स्कूल व 96 रेलवे कमरे बनाए जाने प्रस्तावित हैं।
स्टेशन के बारे में
- 1865-66 में ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी द्वारा गाजियाबाद स्टेशन की स्थापना की गई थी
- 50,000 यात्री यहां प्रतिदिन औसतन आते-जाते हैं
- 200 से अधिक ट्रेनें यहां से होकर गुजरती हैं
- 13 ट्रैक और छह प्लेटफार्म हैं
- 02 मुख्य प्रवेश द्वार एक विजय नगर की ओर से और दूसरा सिटी की ओर है।

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