गाजियाबाद के 6 लाख लोगों को बढ़े कर से मिलेगी मुक्ति? इस तारीख को हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
Ghaziabad Property Tax Hike Case गाजियाबाद में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर में मनमानी वृद्धि के खिलाफ हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई है। पूर्व पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर नियम विरुद्ध कर बढ़ाने का आरोप लगाया है जिससे शहर के छह लाख से अधिक करदाताओं पर बोझ बढ़ गया है। याचिका के बाद निगम ने कोर्ट से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Ghaziabad Property Tax Hike Case: डीएम सर्किल रेट के आधार पर मनमाने तरीके से बढ़ाए गए संपत्ति कर पर रोक लगाने के मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। अब मामले में पांच अगस्त को सुनवाई होगी।
दरअसल, पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, अनिल स्वामी व हिमांशु मित्तल ने नगर निगम अधिकारियों पर मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध संपत्ति कर डीएम सर्किल रेट के आधार पर बढ़ाने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि नियमों के विपरीत संपत्ति कर बढ़ाया गया है। ऐसा करके गाजियाबाद शहर के छह लाख से ज्यादा करदाताओं पर बेवजह तीन-चार गुना संपत्ति का का बोझ डाला जा रहा है।
याचिका दायर होने के बाद नगर निगम ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर गुहार लगाई थी कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मामले में निगम के पक्ष को सुना जाए, जिस पर हाई कोर्ट ने 29 जुलाई तक निगम को शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए थे।
वहीं गत 30 जून को नगर निगम की बोर्ड बैठक में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर बढ़ाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से निरस्त किया जा चुका है लेकिन अभी तक बोर्ड बैठक में मिनट्स महापौर व पार्षदों को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।

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