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    UP News: थानों में अब नहीं चलेगा तू-तड़ाक, आम आदमी को मिलेगी इज्जत; आखिर क्यों बढ़ी वर्दी वालों की टेंशन

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 03:28 PM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ के निर्देश पर जनता से सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए शिष्टाचार संवाद नीति लागू की है। अब पुलिसकर्मी जनता से क्या बात है श्रीमान जी जैसे संबोधन से बात करेंगे। महिलाओं बुजुर्गों दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के लिए विशेष सम्मान सुनिश्चित किया गया है। बच्चों को टॉफी-चाकलेट भी मिलेगी। दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर को भी विशेष सम्मान सुनिश्चित करना होगा।

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    गाजियाबाद पुलिस की सांकेतिक तस्वीर। (फोटो सौजन्य- freepik)

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नंदग्राम थाने में शनिवार रात भाजपा नेता से हुई मारपीट और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद पुलिस की भाषा और व्यवहार को लेकर नई पहल की गई है। पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड़ के निर्देश पर शिष्टाचार संवाद नीति बनाकर लागू कर दी गई है। जिसके तहत अब हर पुलिसकर्मी जनता से सम्मान से पेश आएगा।

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    अब थाने में घुसते ही आपको क्या बात है श्रीमान जी जैसे संबोधन सुनने को मिलेगा। तू-तड़ाक और गुस्से भरे लहजे को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के लिए विशेष सम्मान सुनिश्चित किया गया है।

    बच्चों को मिलेगी टॉफी-चाकलेट

    उनकी हर शिकायत को संवेदनशीलता से सुना जाएगा। सोमवार को जारी की गई नीति में थानों में बैठने की बेहतर व्यवस्था होगी, बच्चों के लिए टॉफी-चाकलेट भी मिलेगी। पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर हीरोगिरी करते हुए वीडियो बनाने पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई है।

    पुलिसकर्मी बदसलूकी करे तो अधिकारी से करें शिकायत

    संतरी ड्यूटी पर अब मोबाइल और ईयरफोन का प्रयोग नहीं करेंगे। हर पुलिसकर्मी वर्दी के साथ नेमप्लेट और कैप पहनकर ड्यूटी करेगा। पुलिस आयुक्त जे रविंद्र गौड का कहना है कि फिर भी यदि कोई पुलिसकर्मी बदसलूकी करता है तो जनता वीडियो भी बनाकर पुलिस अधिकारियों को भेज सकती है।

    टप्पेबाजी करने वाले फर्जी पुलिसकर्मी ढाई माह से दे रहे चकमा

    कौशांबी पुलिस उज्बेकिस्तानी नागरिक से एक हजार डालर की टप्पेबाजी करने वाले कार सवारों को ढाई माह पहले नहीं पकड़ पाई है। दरअसल विदेशी नागरिक से फर्जी पुलिसकर्मी बनकर टप्पेबाजी की गई थी। वैशाली के निजी अस्पताल में आठ फरवरी को भाई का इलाज कराने पहुंचे उज्बेकिस्तान के आरिफजान को टप्पेबाजों ने ठगी की थी।

    अस्पताल से वह दूध व फल लेने बाजार के लिए निकले थे। सेक्टर एक के पार्क के सामने उनके पीछे से एक कार आई। उसमें से दो लोग निकले, जिन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया था। जांच के लिए दस्तावेज मांगे। पासपोर्ट व वीजा देखने के बहाने बैग से एक हजार डॉलर यानी करीब 87 हजार भारतीय रुपये निकालकर भाग गए।

    सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को कार मिली, लेकिन कार का नंबर फर्जी निकला। अभी तक पुलिस को टप्पेबाज चकमा दे रहे हैं। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों की फुटेज मिली थी उन्हें तलाश किया जा रहा है।