Ghaziabad में पुलिस ने बदला काम करने का तरीका, अब सिर्फ 10 दिन में होगा वेरिफिकेशन; पढ़ें पूरी डिटेल
गाजियाबाद पुलिस ने अपराध के खात्मे के लिए 2096 बीटों का गठन किया है जिनमें आरक्षी मुख्य आरक्षी और उप निरीक्षक हैं। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अब सत्यापन कार्य 10 दिनों में पूरा किया जाएगा। इस नई प्रणाली से यातायात व्यवस्था सुधरेगी और लोगों को सुविधाएं आसानी से मिलेंगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अब गाजियाबाद में आपको पुलिस का काम करने का तरीका बदला हुआ नजर आएगा। पुलिस कमिश्नर ने जिले में 2,096 में बीट का गठन किया है। प्रत्येक बीट में आरक्षी, मुख्य आरक्षी व उप निरीक्षक रहेगा। 717 बीट उप निरीक्षक जिम्मेदारी संभालेंगे। अब पुलिस कोई भी सत्यापन 10 दिन में पूरा करना हाेगा।
पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने बताया कि बीट का मतलब वह विशेष भौगोलिक क्षेत्र है, जिसकी जिम्मेदारी पुलिस टीम को सौंपी जाती है। थानों में बनाई गई हर बीट पर मुख्य आरक्षी, आरक्षी और बीट उप निरीक्षक का नामवार आवंटन किया गया है।
बीट प्रणाली में नियुक्त मुख्य आरक्षी या आरक्षी बीट पुलिस आफिसर (बीपीओ) और प्रत्येक बीट पर नियुक्त उप निरीक्षक को बीट उप-निरीक्षक कहा जाएगा। जनसंपर्क कार्यक्रम में इनकी आम लोगों से पहचान कराई जाएगी। बीट में 10-15 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रहेगी। किसी भी बीट की जनसंख्या 5000 से ज्यादा नहीं होगी।
बीपीओ की जिम्मेदारी :
- बीपीओ व बीट उपनिरीक्षक आम के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार रखेंगे।
- मोहल्लों, सोसायटी, माॅल्स, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, मेट्रो स्टेशन, अस्पताल, बैंक, धार्मिक स्थल, सर्राफा मार्केट आदि की जानकारी रखेंगे।
- बीपीओ पासपोर्ट, किरायेदार, शस्त्र लाइसेंस आदि का सत्यापन, शिकायती प्रार्थनापत्रों की जांच, नोटिस व वारंटों की तामील आदि करेंगे।
- विवाद होने पर बीपीओ को 126, 135, 170 बीएनएसएस की कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
आम लोगों को मिलेगी सुविधाएं :
- पासपोर्ट का सत्यापन 15 दिन के अंदर किया जाएगा।
- किरायेदार का सत्यापन, चरित्र, कर्मचारी व नौकर का सत्यापन 10 दिन के अंदर किया जाएगा।
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पांच दिन के अंदर जारी किया जाएगा।
यातायात व्यवस्था में होंगे ये सुधार :
- यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्रस्तावित है।
- यातायात बाधित होने पर तुरंत ट्रैफिक मोबाइल पहुंचकर ट्रैफिक में उत्पन्न बाधा को दूर करेंगे।
- ट्रैफिक पुलिस डिप्लायमेंट सिस्टम को (टीपीडीएस) प्रयोग में लाया जाएगा। इससे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
- ट्रैफिक सुचारु रूप से चलाने के लिए 37 नए ट्रैफिक प्रेशर प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं, जहां ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे।
- प्रेडिक्टिव यातायात प्रबंधन द्वारा हाॅटस्पाट चिह्नित कर यातायात को सुगम बनाकर दुर्घटना बहुल क्षेत्र को घटाया जाएगा।
इस तरह सुधरेगी पुलिस व्यवस्था :
- थाना कार्यालयों पर जनसुनवाई का समय 10 से दो बजे तक रहेगा।
- आइजीआरएस के संबंध में शिकायतकर्ता से 24 घंटे में संपर्क किया जाएगा। 48 घंटे में शिकायत का निस्तारण किया जाएगा।
- कमिश्नरेट स्तर पर पुलिस के कार्य के लिए फीडबैक सेल का गठन किया जाएगा।
- महिला संबंधी अपराध के निस्तारण के लिए 20 पिंक बूथ स्थापित किए गए हैं।
- सट्टे बाजी, जुआ, धोखाधड़ी, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी आदि जैसे अपराध करने वाले व अवैध हथियार रखने वाले अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
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