गाजियाबाद पुलिस ने यूट्यूबर को किया गिरफ्तार, पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह को लेकर बनाया था अपमानजनक वीडियो
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और गाजियाबाद के पूर्व सांसद सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह के खिलाफ अपमानजनक सामग्री चलाने वाले यूट्यूबर पर कार्रवाई की गई है। गाजियाबाद पुलिस ने वीके सिंह के खिलाफ अपमानजनक सामग्री चलाने के लिए यूट्यूबर को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद के पूर्व लोकसभा सांसद ने मामले में रविवार शाम को कविनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
पीटीआई, गाजियाबाद। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और गाजियाबाद के पूर्व सांसद सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह के खिलाफ अपमानजनक सामग्री चलाना यूट्यूबर का महंगा पड़ गया।
गाजियाबाद पुलिस ने सोमवार को पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक सामग्री डालने के लिए यूट्यूब आधारित समाचार पोर्टल के मालिक को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले को लेकर गाजियाबाद के पूर्व लोकसभा सांसद द्वारा रविवार शाम को कविनगर पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराई थी।
छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले में न्यूज पोर्टल के प्रधान संपादक और लोहा व्यापारी आनंद प्रकाश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर सही तथ्यों को जाने बिना वीके सिंह के बारे में झूठा दावा किया था, जिससे उनकी छवि खराब हुई है।
पढ़ें पूरी डिटेल-
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने दर्ज कराई FIR, कोठी में रहकर किराया नहीं देने का लगा था आरोप
बता दें कि यूट्यूब चैनल ने कथित तौर पर अपुष्ट दावे पोस्ट किए, जिसमें कहा गया कि वीके सिंह पर कोठी में रहकर किराया ना देने का आरोप लगाया था। अपनी शिकायत में वीके सिंह ने इस जानकारी को "निराधार" बताया और कहा कि बिना तथ्यों की जांच के पोस्ट चलाई गई है जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है।
इस कृत्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते- वीके सिंह
उन्होंने शिकायत में कहा, "इस कृत्य को नजरअंदाज या माफ नहीं किया जा सकता है, इसने मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने भी कोई आदेश पारित नहीं किया, तो कोई व्यवसायी सोशल मीडिया पर इस तरह के झूठे बयान कैसे जारी कर सकता है?"
पुलिस उपायुक्त (शहर) राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आरोपी यूट्यूबर को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि बीएनएस धारा 356 (मानहानि), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 61 (2) (आपराधिक साजिश में शामिल होना) और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।