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    घर पर प्रीमेच्योर प्रसव के बाद महिला की हालत बिगड़ी, एंबुलेंस में तोड़ा दम; अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 10:28 PM (IST)

    गाजियाबाद में प्रसव के दौरान और बाद में मातृ मृत्यु का सिलसिला जारी है। विजयनगर में 37 वर्षीय विशाखा की प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म देने के बाद मौत हो गई। आशा कार्यकर्ता ने उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। अप्रैल से अब तक जिले में 29 महिलाओं की प्रसव के दौरान मौत हो चुकी है। विशाखा भी हाई रिस्क प्रेगनेंसी की श्रेणी में थी।

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    गाजियाबाद में प्रीमैच्योर बेबी के पैदा होने के बाद मां की मौत।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रसव के दौरान एवं प्रसव के बाद मातृ मृत्यु का सिलसिला जारी है। स्वास्थ्य विभाग के डोर टू डोर सर्वे के बावजूद भी हाई रिस्क प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की मौत हो रही है। रविवार देर शाम को पुराना विजयनगर में रहने वाले विपिन की 37 वर्षीय पत्नी विशाखा की भी मौत हो गई। 

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    जानकारी के अनुसार शाम को 6:00 बजे विशाखा ने घर पर ही प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की तुरंत ही मौत हो गई और उसके बाद विशाखा भी बेहोश हो गई। कुछ देर बाद होश में आई तो लंबी-लंबी सांस लेने लगी। स्वजन ने तुरंत क्षेत्रीय आशा को फोन किया। आशा उनके घर पहुंची और तुरंत एंबुलेंस मंगा कर विशाखा को जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंची। 

    यहां पर डॉ सुषमा शर्मा ने जांच के बाद विशाखा को गंभीर हालत में ज़ीटीबी के लिए रेफर कर दिया लेकिन स्वजन ने जैसे ही विशाखा को एंबुलेंस में लिटाया वैसे ही उसकी मौत हो गई। स्वजन के साथ आशा ने जिला महिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से अनुरोध किया कि एक बार एंबुलेंस में आकर देख ले लेकिन किसी ने भी देखने से इनकार कर दिया।

    इसके बाद महिला को एंबुलेंस में लेकर जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे जहां चिकित्सकों ने विशाखा को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि जिले में अप्रैल से लेकर अब तक प्रसव  के दौरान अथवा बाद में 29 महिलाओं की मौत हो चुकी है। 2000 से अधिक हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित करते हुए उनका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। 

    विशाखा भी ऑन रिकॉर्ड हाई रिस्क प्रेगनेंसी की श्रेणी में थी। उधर जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर राकेश कुमार सिंह ने इस संबंध में कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही उनका कहना है कि इस संबंध में सीएमओ के अलावा जिला महिला अस्पताल को एक पत्र लिखा जाएगा की एक मृत अवस्था में पहुंची महिला को संबंधित चिकित्सक द्वारा मृत घोषित नहीं किया गया।

    एंबुलेंस में महिला की डेड बॉडी को लेकर स्वजन इमरजेंसी में इसलिए पहुंचे की महिला को मृत घोषित कर दिया जाए। सीएमएस ने बताया कि मृत घोषित करते हुए इसकी पुलिस सूचना भी भेजी गई है। 

    जिला महिला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि 6 माह की प्रीमेच्योर डिलीवरी के बाद पहुंची महिला को गंभीर हालत में अस्पताल से रेफर किए जाने की सूचना है। बाद में एमएमजी अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया हैl प्रकरण में बरती गई लापरवाही की जांच कराई जाएगी।

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