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    गाजियाबाद में ट्रैफिक पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, होटल और ढाबों के बाहर खड़े 1168 वाहनों का किया चालान

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 07:58 AM (IST)

    गाजियाबाद में यातायात पुलिस ने सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ दस दिवसीय अभियान शुरू किया है। यह अभियान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर होटलों व ढाबों के बाहर चलाया जा रहा है। एडीसीपी यातायात के अनुसार सड़कों पर गलत तरीके से वाहन खड़ा करने और डीपर का प्रयोग न करने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

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    एनएच-9 पर ट्रक की चेकिंग करता ट्रैफिक पुलिसकर्मी। सौ. पुलिस

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हादसों को न्योता दे रहे वाहनों के खिलाफ सोमवार शाम यातायात पुलिस ने अभियान शुरू किया। यह अभियान 10 दिन तक चलेगा। अभियान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, दिल्ली मेरठ रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग पर होटल व ढाबों के बाहर सड़क के किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ चलेगा।

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    इसके अलावा सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार अन्य कारणों का भी पता कर उनको दूर किया जाएगा। एडीसीपी यातायात सच्चिदानंद ने बताया कि सड़क सुरक्षा अभियान के तहत होटलों, ढाबों के सामने खड़े होने वाले वाहनों के चालान होंगे।

    सोमवार को अभियान के के तहत पुलिस ने 1168 वाहनों का चालान किया है। कुछ लोग सड़कों के किनारे वाहन खड़ा कर देते हैं। वह डीपर का प्रयोग नहीं करते हैं। इससे हादसे का खतरा ज्यादा होता है।

    सड़क पर जानवर दे रहे हादसों को दावत

    सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्ते और गोवंशी हादसों को दावत दे रहे हैं। पूर्व में कई सड़क पर गोवंशी और कुत्तों की वजह से हादसे हो चुके हैं। अधिकारियों द्वारा गोवंशी को सड़क से हाटने का प्रयास हवा-हवाई साबित हो चुका है जबकि कुत्तों को हटाने का प्रयास अभी तक नहीं किया गया है।

    यही वजह है कि सड़क पर लगातार इनकी संख्या बढ़ रही है। हादसों में जानवरों की भी मृत्यु हुई है। नगर निगम की सीमा में करीब 60-65 हजार आवारा कुत्ते हैं। इसमें से निगम 30 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी करने का दावा करता है। वर्तमान में दो एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर चल रहे हैं।

    नंदग्राम और नए बस अड्डे पर संचालित एबीसी सेंटर में अभी प्रतिदिन 55-60 कुत्तों की नसबंदी हो रही है। तीसरा सेंटर बनने के बाद 100-125 कुत्तों की नसबंदी प्रतिदिन हो सकेगी। वहीं शहर के 65 हजार कुत्तों को रखने के लिए भी अभी नगर निगम के पास कोई शेल्टर होम नहीं है। निगम कुत्तों को सड़क से का प्रयास नहीं किया।