World Thyroid Day: गाजियाबाद में तेजी से बढ़ा थायराइड रोग, OPD में रोज पहुंच रहे 50 से ज्यादा मरीज; कैसे करें बचाव?
गाजियाबाद में थायराइड के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में रोज़ाना नए मामले सामने आ रहे हैं। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच हज़ारों लोगों में थायराइड की पुष्टि हुई है। जीवनशैली में बदलाव और सही खानपान से इस रोग से बचाव किया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। यूं तो थायराइड पूरी दुनिया में बढ़ रहा है लेकिन खराब जीवन शैली और खानपान के चलते गाजियाबाद में रोज नए मरीज मिले रहे हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में रोज दो सौ से अधिक नए मरीज पहुंच रहे हैं।
अकेले जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में रोज 50 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। मरीज खुद ही थायराइड के लक्षण जानकर चिकित्सक से जांच का अनुरोध कर रहे हैं। अप्रैल 2024 से लेकर मार्च 2025 के बीज जिला एमएमजी अस्पताल में 30281 लोगों की थायराइड की जांच हुई। इनमें से 21265 मरीजों में थायराइड की पुष्टि हुई।
एक लाख से ज्यादा मरीजों की जांच में थायराइड की पुष्टि
इसके अलावा संयुक्त अस्पताल, जिला महिला अस्पताल में भी रोज पचास से अधिक मरीजों की जांच में थायराइड की पुष्टि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 के बीच सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में हुई जांच के बाद एक लाख से अधिक मरीजों की जांच में थायराइड की पुष्टि हुई है।
इनमें अधिकांश 40 से 65 वर्ष की उम्र के लोग शामिल हैं। 40 से 50 वर्ष की महिलाओं में भी थायराइड की पुष्टि हो रही है। अविवाहित युवती भी इस रोग से ग्रसित हो रही हैं। अधिकांश नान जेनेटिक लोग ही थायराइड की चपेट में आ रहे हैं। पता चला है कि दवा बीच में छोड़ने से अधिकांश महिलाओं को अन्य रोग भी घेर रहे हैं।
थायराइड के लक्षण
- थकान और कमजोरी
- वजन बढ़ना
- सूखी त्वचा
- बालों का झड़ना
- कब्ज, ठंड सहन न कर पाना
- मासिक धर्म में अनियमितता
- अवसाद और मनोदशा में बदलाव
ऐसे पता चलता है
रक्त परीक्षण से पता चलता है कि कम सक्रिय थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) है। थायराइड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) पिट्यूटरी ग्रंथि में बनने वाला एक हार्मोन है जो थायराइड को बताता है कि कितना टी4 और टी3 बनाना है। उच्च टीएसएच स्तर का मतलब हो सकता है कि हाइपोथायरायडिज्म है, या थायराइड कम सक्रिय है।थायराइडाइटिस नामक स्थिति में थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है, जिससे गर्दन में दर्द हो सकता है।
थायराइड का बचाव
पनीर, दूध, दही और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स खाने से थायराइड को कम किया जा सकता है। इससे शरीर को कैल्शियम, विटामिन और मिनरल मिलते हैं, जो शरीर को हेल्दी बनाते हैं। थायराइड को कंट्रोल करने में कच्चा नारियल भी असरदार साबित होता है।
रोजाना सुबह कच्चा नारियल खाने से मेटाबालिज्म मजबूत होता है। आयडीनयुक्त नमक का सेवन करना जरूरी है। जीवन शैली में बदलाव करना चाहिए। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को बेहतर खानपान के साथ योग करना चाहिए।
ओपीडी में रोज 50 से अधिक मरीज थायराइड के पहुंच रहे हैं। यह दो श्रेणी का रोग है। पहला हाइपो थायराइड। इसमें वजन बढ़ता है और कब्ज के साथ बाल झड़ने लगते हैं।दूसरी श्रेणी में हाइपर थायराइड आता है। इसमें वजन कम होने लगता है। भूख खूब लगेगी लेकिन वजन में वृद्धि नहीं होगी। गर्दन में सूजन आने लगती है। ऐसा लगने लगता है कि आंखे बाहर निकलने को हैं। क्रोनिक होने पर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। 55 से अधिक उम्र होने पर थायराइड की संभावना अधिक रहती है। हार्मोन्स असंतुलित होने पर ही थायराइड की शुरूआत होती है। पुरूषों के सापेक्ष महिलाओं में यह रोग अधिक मिल रहा है। थायराइड के नान जेनेटिक मरीज अधिक ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
- डॉ. संतराम वर्मा, फिजिशियन जिला एमएमजी अस्पताल
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