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    गाजियाबाद: नालों की सफाई पर तीन करोड़ खर्च... फिर भी हालात जस के तस, लोगों के लिए समस्या बना जलभराव

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Mon, 11 Sep 2023 07:57 AM (IST)

    जिले में जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण बारिश आने पर सड़कों पर जलभराव हो जाता है। जिस कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही रविवार को भी हुआ शहर में विभिन्न स्थानों पर वर्षा के बाद सड़कों पर पानी भर गया। जबकि नगर निगम ने इस साल नालों की सफाई पर तीन करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया है।

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    नंदग्राम में वर्षा के बाद हो रहा जलभराव।

    गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। गाजियाबाद में जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण वर्षा आने पर सड़कों पर जलभराव हो जाता है। जिस कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही रविवार को भी हुआ, शहर में विभिन्न स्थानों पर वर्षा के बाद सड़कों पर पानी भर गया। जबकि नगर निगम ने इस साल नालों की सफाई पर तीन करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया है।

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    शहर में मुख्य तौर पर बागू, भीमनगर, नंदग्राम, गोविंदपुरम, मेरठ तिराहा, बम्हैटा अंडरपास, बागू अंडरपास में सड़कों पर पानी भरने के कारण सुबह जाम की स्थिति बनी। बागू और नंदग्राम में तो नाला ओवरफ्लो हो गया, जिस कारण दोपहर तक सड़कों पर पानी भरा रहा।

    जलभराव की शिकायत पर नगर निगम की टीम को मौके पर भेजा गया, पंप के माध्यम से जलनिकासी की गई। लोगों का आरोप है कि ज्यादातर स्थानों पर जलभराव की वजह नालों की सफाई ठीक से न होना और नालों के ऊपर हुए अतिक्रमण को न हटाया जाना है, अतिक्रमण के कारण आधे नाले की ही सफाई हो पाती है। इसी वजह से वर्षा आने के बाद नालों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है।

    कुछ माह में सड़क क्षतिग्रस्त होने से उठे सवाल

    सिद्धार्थ विहार में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर कुछ माह पहले ही बनी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है, जिस कारण रविवार को वर्षा के बाद सड़क पर पानी भर गया। लोगों का सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है।

    प्रतीक ग्रैंड सिटी में रहने वाले नंद नेगी ने बताया कि सिद्धार्थ विहार में आवास विकास परिषद द्वारा सड़क बनाई गई थी, सड़क का निर्माण कार्य मानकों के अनुसार नहीं कराया गया था। जिस कारण सड़क जल्द ही क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अलावा भी ज्यादातर सड़कें क्षतिग्रस्त हैं।

    जिस कारण आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हादसे का डर बना रहता है। आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि सोमवार को इस संबंध में जांच कराई जाएगी। यदि सड़क के निर्माण कार्य में लापरवाही हुई है तो कार्रवाई की जाएगी।

    इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. एमके सिंह ने बताया कि जहां जलभराव की शिकायत मिली थी, वहां जलनिकासी करा दी गई है। ज्यादातर निचले इलाकों में समस्या उत्पन्न हुई है। कुछ स्थानों पर नालों का निर्माण कार्य होना है, जल्द ही वहां पर नालों का निर्माण कराया जाएगा। ऐसे में लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी। नालों की सफाई में लापरवाही की लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

    वर्षा के चलते गिरी श्मशान घाट की दीवार

    शनिवार को पूरे दिन हुई वर्षा के चलते रात में मुरादनगर उखलारसी स्थित श्मशान घाट की दीवार गिर पड़ी। गनीमत रही कि घटना रात में हुई। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। रविवार सुबह दीवार गिरने का पता चला। शनिवार सुबह शुरू हुई वर्षा रविवार को भी पूरे दिन रूक-रूक कर होती रही। कई कालोनियों में जलभराव हो गया। जिससे उखलारसी श्मशान घाट की दीवार भी गिर गई।

    बता दें कि दो साल पहले उखलारसी श्मशान घाट की छत गिरी थी। जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक घायल हुए थे। बावजूद इसके अधिकारियों ने यहां निर्माण कार्य दुरुस्त कराने की जरूरत नहीं समझी। लोगों में इसको लेकर नाराजगी है। उधर, पक्ष लेने के लिए ईओ मुरादनगर को काल की गई लेकिन नंबर बंद था।

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