GDA के दलालों का अड्डा बनी गाजियाबाद की ये मार्केट, रिटायर्ड और बर्खास्त कर्मचारी नेटवर्क में लिप्त
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से कोई भूखंड या फ्लैट खरीदा है तो समय-समय पर जीडीए में अपने भूखंड व भवन के बारे में जानकारी जरूर करते रहें क्योंकि जीडीए में इन दिनों दलालों का नेटवर्क सक्रिय है जिनकी जीडीए में गहरी पैठ है। इन पूर्व कर्मचारियों ने लंबा समय जीडीए में बिताया है। किस योजना में कौन-सी संपत्ति खाली है निर्माण हुआ है या नहीं किसके मालिक कहां रहते हैं।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। अगर आपने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से कोई भूखंड या फ्लैट खरीदा है तो समय-समय पर जीडीए में अपने भूखंड व भवन के बारे में जानकारी जरूर करते रहें, क्योंकि जीडीए में इन दिनों दलालों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है जिनकी जीडीए में गहरी पैठ है।
इसी पैठ का फायदा उठाकर यह लोग फर्जीवाड़ा कर लोगों के भूखंड व फ्लैट कब्जाने व धोखाधड़ी करने का काम कर रहे हैं। जीडीए से सेवानिवृत्त व बर्खास्त हो चुके कर्मचारी इस दलाली में लिप्त हैं जो प्रापर्टी डीलरों व जीडीए कर्मियों से मिलकर इस पूरे खेल को अंजाम दे रहे हैं। सेवानिवृत्त व बर्खास्त हो चुके इन कर्मचारियों ने नवयुग मार्केट में कार्यालय खोलकर इस क्षेत्र को जीडीए के दलालों का अड्डा बना दिया है।
दरअसल, इन पूर्व कर्मचारियों ने लंबा समय जीडीए में बिताया है। किस योजना में कौन-सी संपत्ति खाली है किस पर निर्माण हुआ है या नहीं, किसके मालिक कहां रहते हैं। इस बारे में इन्हें पूरी जानकारी है। इसी अनुभव का फायदा उठाकर यह लोग अच्छा काम करने के बजाय दलाली कर रहे हैं।
जीडीए में पुराने संपर्कों का दुरुपयोग कर आसानी से कोई भी फाइल मंगा लेते हैं जो दस्तावेज चाहिए होता है उसकी फोटो कापी करा लेते हैं या फोटो खींच लेते हैं। फाइल पर किस-किस अधिकारी, कर्मचारी के कैसे हस्ताक्षर हैं, यह जानकारी भी फोटो कापी या फोटो से हासिल कर लेते हैं।
फाइलें देखकर हो जाती है दलालों को पहचान
फाइलें देखकर इन्हें पूरी जानकारी हासिल हो जाती है तो उसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर फर्जीवाड़े को अंजाम देकर मोटी उगाही करते हैं। इस पूरे मामले में संलिप्तता होने के कारण उगाही का हिस्सा प्राधिकरण कर्मचारियों को भी जाता है। फाइल को ज्यादा दूर मंगाने की जरूरत न पड़े। इसीलिए इन लोगों ने अपना कार्यालय खोलने के लिए जीडीए से सटे नवयुग मार्केट का चुना है।
इस बारे में जीडीए सचिव, राजेश कुमार सिंह ने कहा कि प्राधिकरण में किसी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। बाहरी लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। निगरानी के लिए प्रवेश व निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे हैं। पूरे मामले की गहनता से पड़ताल कराकर आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जेल भिजवाया जाएगा।
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