Ghaziabad News: नौकरी में पदोन्नति के लिए TET की अनिवार्यता पर भड़के शिक्षक, कलेक्ट्रेट पर किया विरोध प्रदर्शन
गाजियाबाद में शिक्षकों ने 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि 2017 में नियम बदलने से उनकी नौकरी खतरे में है। शिक्षकों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। देश में 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों की पदोन्नति के लिए टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में मंगलवार को शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा गया है।
उत्तर प्रदेशीय माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया गया था। उस वक्त नियम बनाया गया था कि भविष्य में भर्ती होने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा।
वर्ष 2017 में नियम में बदलाव करते हुए कहा गया कि सभी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा पास ने करने वाले देश में दस लाख से अधिक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
इसी के विरोध में मंगलवार को बड़ी संख्या में शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और मांग की है कि 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को नौकरी पर बने रहने के लिए टीईटी की परीक्षा को पास करने का नियम वापस लिया जाए।
उन्होंने चेतावनी दी गई है कि यदि शिक्षकों की मांग को माना नहीं गया तो इसके विरोध में दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान प्रमुख रूप से अमित गोस्वामी, विजय भटनागर, अमित वशिष्ठ , मोहम्मद तारिक सहित अन्य पदाधिकारियों और शिक्षकों की उपस्थित रही।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।