गाजियाबाद के MMG अस्पताल में पांच दिन से डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब, भेजी गई पोर्टेबल मशीन
गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में टीबी अस्पताल की एक्स-रे मशीन खराब होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। मरीजों को एमएमजी अस्पताल के एक्स-रे सेंटर में जाना पड़ रहा है जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। टीबी विभाग ने पोर्टेबल एक्स-रे मशीन भेजकर कुछ हद तक समाधान किया है। संतोष मेडिकल कॉलेज में टीबी रोगियों को पोषण पोटली भी बांटी गई।

जागरण संवाददाता,गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल में संचालित जिला टीबी अस्पताल की डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब हो गई है। ऐसे में पिछले पांच दिन से ओपीडी से होकर टीबी मरीज एक्स-रे कराने को जिला एमएमजी अस्पताल के एक्स-रे सेंटर में पहुंच रहे हैं।
लाइन लगने के चलते बाहर बैठकर मरीजों को इंतजार भी करना पड़ता है। ऐसे में एमएमजी अस्पताल में टीबी फैलने का खतरा बढ गया है। रेडियोलाजिस्ट ने सीएमएस को अवगत कराते हुए एक निश्चित समय पर टीबी रोगियों को बुलाकर एक साथ एक्स-रे कराया जाये।
उधर शनिवार को टीबी विभाग के ने टीबी अस्पताल में एक पोर्टेबल एक्स-रे मशीन भेजकर समस्या का कुछ हद तक समाधान कराया है। शनिवार को पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से 30 से अधिक टीबी रोगियों का एक्स-रे कराया गया।
जिला एमएमजी अस्पताल के साथ ही संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में रोज टीबी मरीज घूमते रहते हैं। इससे टीबी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। यही नहीं सामान्य वार्ड में कई बार टीबी के गंभीर मरीजों को भी भर्ती किया जाता है। इसको लेकर सीएमएस स्तर से सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी को पत्र भी लिखा गया है। इमरजेंसी में टीबी के गंभीर मरीजों की मौत भी होती रहती हैं।
सौ मरीजों को बांटी गई पोषण पोटली
संतोष मेडिकल कालेज में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर सौ टीबी रोगियों को पोषण पोटली बांटी। इस मौके पर डा. अल्का गुप्ता, डा. अनिल कुमार यादव ,डा.अल्पना अग्रवाल,डा. मनीष सब्बरवाल,डा. मनीष शर्मा,डा. यशस्वी त्यागी,डा. निधि बंसल,अर्पिता, सुमन लता और राजेश मौजूद रहे।
मशीन खराब होने की जानकारी है। तीन चार दिन जिला एमएमजी अस्पताल में मरीजों के एक्स-रे कराए गए हैं। शनिवार को एक पोर्टेबल मशीन भेज दी है। खराब मशीन को ठीक कराने के लिए मेंटेनेंस कंपनी को अवगत करा दिया है। प्रयास रहता है कि टीबी के मरीज ओपीडी में न घूमें। समझाने पर भी संक्रमित मनमानी करते हैं।
- डॉ. अनिल कुमार यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी
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