Ghaziabad News: खबर छपने के बाद जागे स्वास्थ्य विभाग के अफसर, किशोरी का जारी हुआ प्रमाण पत्र
दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ। एक किशोरी जिसके पिता को पहले जांच के लिए भटकाया गया था का 20 मिनट में दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। सीएमओ के निर्देश पर मशीन ठीक कराई गई और तुरंत जांच की गई। सोमवार को 33 आवेदकों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए गए। देरी से आने वाले चिकित्सकों की रिपोर्ट सीएमओ को भेजी गई।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींट टूट गई। सोमवार को कान के साथ आंखों की जांच करते हुए 20 मिनट में किशोरी का प्रमाण पत्र बना दिया गया।गोद में बेटी को लेकर होराम हंसते हुए घर चले गये।
बता दें कि 18 अगस्त को दिव्यांगजन बोर्ड में पहुंचे होराम को बेटी की जांच कराने सात किलोमीटर दूर संयुक्त अस्पताल भेज दिया था। पसीने से भीगे होराम बेटी निशा को लेकर संयुक्त अस्पताल पहुंचे तो वहां मशीन खराब बताकर 15 दिन बाद जांच को आने को कह दिया।
इसको लेकर दैनिक जागरण के 19 अगस्त के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई। खबर का संज्ञान लेते हुए सीएमओ डा. अखिलेश मोहन के निर्देश पर पहले खराब मशीन को ठीक कराया गया और फिर नोडल डा. अनवर अंसारी ने होराम को फोन करके बुलाया। हाथों हाथ आडियोमेट्री जांच करवा दी।
इतना ही नहीं सोमवार को अन्य चिकित्सकों की जांच रिपोर्ट लगाते हुए निशा का दिव्यांगजन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। दिव्यागजन बोर्ड के नोडल डा. अनवर अंसारी ने बताया कि सोमवार को कुल 46 आवेदक पहुंचे और 33 का दिव्यांगजन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
हालांकि बोर्ड में कुछ चिकित्सक दो घंटे विलंब से पहुंचे और ईएनटी ओपीडी में ही बैठकर दिव्यांगों की जांच करते रहे। नोडल ने विलंब से पहुंचने और बोर्ड से गायब रहने वाले चिकित्सकों की रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी है।
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