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    आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से NCR के लोगों में निराशा, कही ये बात

    गाजियाबाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोगों में निराशा है। निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों से खतरा बढ़ गया है। सोसायटी अध्यक्षों और निवासियों ने फैसले पर चिंता जताई है और पुनर्विचार की मांग की है। नगर निगम के अनुसार शहर में 65 हजार आवारा कुत्ते हैं जिनमें से 30 हजार का बंध्याकरण किया गया है। स्थानीय निकाय से कार्रवाई की उम्मीद है।

    By lakshay chaudhary Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 23 Aug 2025 09:22 AM (IST)
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    गाजियाबाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आवारा कुत्तों को लेकर चिंता बढ़ी।

    जागरण संवादादाता, गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को आए फैसले ने लोगों में असमंजस में डाल दिया है। अदालत के इस निर्णय के बाद लोगों में नाराजगी और चिंता दोनों साफ झलक रही हैं। शहर की बहुमंजिला सोसायटियों में रहने वाले लोगों का कहना है कि फैसले में इंसानों की सुरक्षा और जनहित को नजरअंदाज कर दिया गया है।

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    आए दिन आवारा कुत्तों के झुंड खुलेआम सोसायटी के पार्कों और गलियारों में घूमते हैं, जिससे आएदिन बच्चों और बुजुर्गों पर कुत्ते हमला कर देते हैं। इसके अलावा रेबिज संक्रमित कुत्तों के काटने से मौत तक हो चुकी है।

    बावजूद इसके अदालत का फैसला आमजन की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है। इसी मुद्दे पर विभिन्न सोसायटियों के लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

    परिचर्चा 

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हमारी सोसायटी पालन करेगी। सोसायटी में पूर्व से ही डाग फीडिंग एरिया निर्धारित है और निवासियों से अपील है कि कुत्तों को भोजन केवल उसी स्थान पर कराया जाए। इसके अतिरिक्त सोसायटी में मौजूद आक्रामक स्वभाव वाले कुत्तों को नगर निगम द्वारा शीघ्र ही शेल्टर होम ले जाया जाए।

     गौरव कुमार, एओए अध्यक्ष, अजनारा इंटीग्रिटी सोसायटी

    सुप्रीम कोर्ट का फैसला आम लोगों के खिलाफ दिया गया है। कोर्ट ने कुत्ते प्रेमियों के पक्ष में यह फैसला दिया है। सोसायटियों में लगातार कुत्तों के काटने की घटनाएं होती है। हमारी सोसायटी में आवारा कुत्तों आए दिन लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। दिल्ली में रोजाना दो हजार से अधिक मामले कुत्ते काटने के आते हैं। यह फैसला आम लोगों के हित में नहीं है।

    राहुल बालियान, एओए अध्यक्ष, केडीपी ग्रैंड सवाना सोसायटी

    कुछ कुत्ते प्रमियों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया है। लेकिन 90 प्रतिशत लोग जो कुत्तों के आतंक से परेशान हैं, उन लोगों को नजर अंदाज किया गया है। केवल 10 प्रतिशत लोगों के हित में फैसला सुनादिया गया है। मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करता हूं।

    हिम्मत सिंह, एओए सचिव, केडीपी ग्रैंड सवाना सोसायटी

    सुप्रीम कोर्ट को आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि इससे आम जनता की दैनिक परेशानियां बढ़ेंगी। गेटेड सोसाइटियों को इस दायरे से मुक्त रखा जाए। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए व्यावहारिक समाधान जरूरी है।

    दीपांशु मित्तल, निवासी, ब्रेव हार्ट्स सोसायटी

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आवारा कुत्तों से हो रही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में कमी आएगी। यह कह पाना अभी मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप धरातल पर यह कैसे लागू होगा यह देखना अभी बाकी है। कुल मिला कर आवारा कुत्तों की समस्या निकट वर्तमान में जस की तस बनी रहेगी।

    मनोज अग्रवाल, निवासी राजनगर रेजीडेंसी सोसायटी

    आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, कुत्तों को सार्वजनिक स्थान पर खाना खिलाने वालों पर कोर्ट के आदेशानुसार कार्यवाही करें और कुत्तों के बंध्याकरण को

    प्राथमिकता दी जाए।

    राजकुमार त्यागी, अध्यक्ष, फ्लैट ओनर फेडरेशन, राजनगर एक्सटेंशन

    कुत्ते का बंध्याकरण और टीकाकरण कराने के बाद उनकी आक्रमकता में कुछ कमी आती है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद कुत्ता किसी को न काटे। क्योंकि कुत्ते के काटने के कई कारण होते हैं। इनमें भूख लगना, प्यार में कमी मिलना, काटने की आदत होना और डर लगना शामिल है। एक कुत्ते के बंध्याकरण और टीकाकरण में 1,130 रुपये का खर्च आता है।

    डा. अनुज कुमार सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी, नगर निगम

    नगर निगम के पास हैं केवल दो एबीसी सेंटर

    नगर निगम के पास वर्तमान दो एबीसी सेंटर हैं। इनमें करीब प्रतिदिन 55 से 60 के बीच आवारा कुत्तों को बंध्याकरण किया जाता है। तीसरा एबीसी सेंटर जल्द ही बनने वाला है। तब बंध्याकरण की क्षमता करीब 125 हो जाएगी।

    अभी निगम के पास फिलाहल कोई भी शेल्टर होम नहीं है। निगम के मुताबिक अब तक 30 हजार कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है, जबकि शहर में 65 हजार आवारा कुत्ते हैं।