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    Ghaziabad News: रिश्वत लेने के आरोप में राज्य कर अधिकारी सस्पेंड, साढ़े तीन लाख रुपये वसूली का है मामला

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 07:49 AM (IST)

    गाजियाबाद में राज्य कर अधिकारी रेनू पांडेय को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अधिवक्ता शशांक सिंघल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रेनू पांडेय ने उनके क्लाइंट से साढ़े तीन लाख रुपये की अवैध वसूली की थी। इस मामले में ऑडियो-वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए थे जिसके बाद राज्य कर आयुक्त ने निलंबन का आदेश जारी किया।

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    रिश्वत लेने के आरोप में राज्य कर अधिकारी पर कार्रवाई की गई।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जोन-द्वितीय में तैनात राज्य कर अधिकारी रेनू पांडेय को रिश्वत लेने के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शशांक सिंघल ने अपने क्लाइंट मेसर्स बडी एंटरप्राइजेज लखनऊ की ओर से राज्य कर विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी।

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    शिकायत में कहा गया था कि दिनांक 12 जुलाई 2025 की रात 10 बजे उनके क्लाइंट की गाड़ी संख्या यूपी 25 ईटी 2138 को गाजियाबाद में रोका गया और बाद में 24 जुलाई 2025 को उस पर पेनल्टी लगा दी गई।

    निलंबन अवधि के दौरान मिलेगा गुजारा भत्ता

    आरोप है कि इस कार्रवाई के बाद राज्य कर अधिकारी रेनू पांडेय ने उनके क्लाइंट से साढ़े तीन लाख रुपये की अवैध वसूली की। शिकायतकर्ता द्वारा इस संबंध में फोन काल की आडियो-वीडियो रिकार्डिंग भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई।

    इस मामले की जांच में अपर आयुक्त ग्रेड-1 राज्य कर गाजियाबाद जोन-द्वितीय ने प्रथम दृष्टया रेनू पांडेय की संलिप्तता मिलने इस मामले को गंभीर कदाचार करार देते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की।

    जांच के बाद राज्य कर आयुक्त नितिन बंसल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रेनू पांडेय को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के तहत निलंबित करने का आदेश जारी किया। और उनके विरुद्ध विभागीय जांच संस्तुति की। निलंबन अवधि में वह संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) कार्यालय, आजमगढ़ (वाराणसी जोन-द्वितीय) से संबद्ध रहेंगी।

    इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें यह प्रमाणित करना होगा कि वह किसी अन्य व्यवसाय या सेवा से संबद्ध नहीं हैं। आरोपों की जांच के लिए संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है।

    राज्य कर आयुक्त नितिन बंसल ने आदेश में कहा कि इस प्रकार का भ्रष्ट आचरण में विभाग की छवि वाले दोषी अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।