साइबर ठगी के दो हथियार, डिजिटल रेकी और हनीट्रैप; फ्रॉड से बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां
गाजियाबाद में साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं जिनमें शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड प्रमुख है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अंजान युवतियों से दोस्ती के बाद 50% पीड़ित ठगी का शिकार हुए। युवतियां निवेश के नाम पर धोखा देती हैं जिससे लोगों को लाखों का नुकसान होता है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती न करने की सलाह दी है।

विनीत कुमार, गाजियाबाद। रेकी कर लोगों के प्रोफाइल तलाशते हैं। सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने वाले ऐसे हाई प्रोफाइल या सेवानिवृत अधिकारियों को ठग खुद युवती बनकर या किसी युवती की मदद से दोस्ती करते हैं। इसके बाद कुछ दिन की बातचीत के बाद युवती प्रेमजाल में फंसाकर बताती है वह ट्रेडिंग के जरिए अतिरिक्त कमाई करती है।
पीड़ित को झांसे में लेकर ठग शेयर ट्रेडिंग में निवेश शुरू कराते हैं। एक समय आता है जब पीड़ित लाखों रुपये गंवा चुके होते हैं और उनका दोस्त बनी युवती सीन में कहीं नहीं होती। जनपद में बीते वर्ष जनवरी में साइबर क्राइम थाना खुलने के बाद दर्ज हुए मामलों में शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड में पीड़ितों ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम गवांई है।
इनमें भी 50 प्रतिशत पीड़ित ऐसे हैं जिन्होंने युवती से दोस्ती के बाद शेयर में निवेश शुरू किया और लाखों रुपये गंवा दिए। यदि पीड़ित समय रहते अनजान लड़की से दोस्ती नहीं करते तो शायद ठगी से बच जाते।
केस-1
डेटिंग एप के जरिए युवती से दोस्ती, निवेश के नाम पर 1.11 करोड़ ठगे
पटेल नगर निवासी एक कारोबारी की बीते वर्ष 25 नवंबर को डेटिंग वेबसाइट फ्लर्टु पर कियारा सिंह नामक युवक से दोस्ती हुई। कुछ दिन बातचीत के बाद युवती ने उन्हें बताया कि वह मुंबई के कोलाबा में फैशन डिजाइनर है।
साथ ही उन्हें बताया कि वह स्प्रेडेक्स वेबसाइट पर पांच साल से फारेक्स ट्रेडिंग करती है। जिसमें 15 प्रतिशत तक का मुनाफा होता है। दिसंबर से उन्होंने भी युवती की बातों में आकर ट्रेडिंग शुरू कर दी।
शुरुआत में 20 हजार रुपये के निवेश पर दो हजार रुपये का मुनाफा दिया गया। इसके बाद उन्हें लगातार मुनाफा दिखाकर धनराशि निवेश कराकर 24 बार में विभिन्न बैंक खातोें में 1.11 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए हैं। परेशान होकर उन्होंने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया।
केस-2
पिछले दिनों साइबर क्राइम थाने में एक पीड़ित ने करीब सवा करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि पीड़ित से फेसबुक पर एक लड़की ने पहले दोस्ती की फिर उनके साथ कई दिन तक चैट की।
जांच में पुलिस को करीब एक हजार पेज की चैट मिली है जिसमें फेसबुक पर दोस्त बनी युवती ने पहले प्रेमजाल में फंसा लिया फिर उन्हें शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार कर फर्जी एप के जरिए धनराशि कई खातों में ट्रांसफर करा ली।
- 543 मामले साइबर अपराध के दर्ज किए गए
- 142 करोड़ रुपये साइबर अपराधियों ने ठगे
- 35 करोड़ रुपये पुलिस ने वापस कराए
- 135 आरोपित गिरफ्तार
- 47 मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है
फ्रॉड | दर्ज केस | ठगी गई रकम |
---|---|---|
शेयर ट्रेडिंग | 283 | 99.87 करोड़ |
टेलीग्राम टास्क फ्राड | 117 | 18.49 करोड़ |
डिजिटल अरेस्ट | 35 | 7.50 करोड़ |
डुप्लीकेट ईमेल / हैकिंग | 3 | 82.85 लाख |
क्रिप्टो ट्रेडिंग | 6 | 3.08 करोड़ |
फोन हैक, कस्टमर केयर | 6 | 82.31 लाख |
केवाईसी अपडेट | 2 | 11 लाख |
इंश्योरेंस पालिसी | 2 | 11.91 लाख |
अन्य | 85 | 11.65 करोड़ |
कुल | 541 | 142.04 करोड़ |
नोट-सभी आंकड़े एक जनवरी 2024 से 15 अगस्त 2025 तक के हैं।
सावधान रहें
- अपने सोशल मीडिया, ईमेल और बैंक खातों पर दो-स्तरीय सुरक्षा सुविधा सक्रिय करें
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों के मित्रता अनुरोध को उनका प्रोफाइल परखने के बाद ही स्वीकार करें
- केवल सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मान्यता प्राप्त ब्रोकर या प्लेटफार्म के माध्यम से ही निवेश करें।
- फर्जी एप, वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट पर कभी भी पैसा न लगाएं।
- अनजान नंबरों से आए लिंक पर क्लिक न करें
- साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
सोशल मीडिया पर अपने प्रोफाइल की गोपनीयता बनाएं। जिससे अनजान व्यक्ति जो सोशल मीडिया पर आपके मित्र नहीं है वह आपकी प्रोफाइल न देख पाए। अनजान से आए मित्रता का अनुरोध स्वीकार करने से परहेज करें।
- पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम
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