गाजियाबाद में टीबी के मरीज बढ़े, 9 महीने में जिले में मिले 17,451 नए मरीज; कुल संख्या पहुंची 20 हजार
गाजियाबाद में टीबी के मरीजों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बावजूद जनवरी से सितंबर 2025 तक 17451 नए मामले सामने आए हैं। लोनी विजयनगर और खोड़ा में मरीजों की संख्या अधिक है। संक्रमण को रोकने के लिए विभाग ने एनसीसी कैडेट्स को निक्षय मित्र बनाकर शामिल किया है और 15 निगरानी टीमें गठित की गई हैं।

मदन पांचाल, गाजियाबाद। केंद्र सरकार जहां टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर गंभीर है वहीं पर गाजियाबाद में टीबी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयास के बाद भी मरीज हर महीने मिल रहे हैं। जनवरी से लेकर सितंबर 2025 तक जिले में टीबी के 17451 नए मरीज मिले हैं। लोनी, विजयनगर और खोड़ा में टीबी के मरीज सबसे अधिक मिल रहे हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल कुमार यादव ने इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार जिले में टीबी के कुल मरीजों की संख्या 20 हजार तक पहुंच गई हैं। यह नये और पुराने मरीजों को मिलाकर है। टीबी संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये विभाग ने पहली बार समझदार लोगों को इस मुहिम से जोड़ने की योजना बनाई है। पिछले 20 दिन में विभाग ने 450 एनसीसी कैडेट्स को निक्षय मित्र बनाते हुए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
एनसीसी कैडेट्स भावानात्मक आधार पर अपने आसपास टीबी के संदिग्ध मरीज के बारे में सूचना देंगे। सूचना के आधार पर विभागीय टीम सक्रिय होकर जांच एवं ट्रीटमेंट कराएगी। जिले में कुल निक्षय मित्रों की संख्या 850 हो गई है। जिले में सक्रिय 20 हजार से अधिक टीबी रोगियों की निगरानी को शासन के निर्देश पर 15 टीमें बनाई गईं हैं।
इनमें स्थानीय चिकित्सक, आशा,एएनएम,सुपरवाइजर के अलावा निक्षय मित्र को जिम्मेदारी सौंपी गईं है। खास बात यह है कि यह टीम संक्रमित के संपर्कियों की भी सेहत की निगरानी करेगी। टीबी संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल भी मौके से ही एकत्र किया जाएगा। दवा खत्म होने पर मरीज को तुरंत दवा भी घर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी।
जिले में संसाधन
- टीबी अस्पताल के संग टीबी जांच केंद्र है
- सीनियर टीबी सुपरवाइजर के कुल स्वीकृत 42 पदों के सापेक्ष 18 तैनात हैं
- टीबी हेल्थ विजिटर के कुल स्वीकृत 26 पदों के सापेक्ष 21 तैनात हैं
- जांच को 13 ट्रू नेट और 14 सीवी नाट मशीन हैं- जिले में कुल 18 टीबी यूनिट हैं
- डाट्स सेंटरों की संख्या सौ से अधिक है
- 20 डिजिगनेटर माइक्रोस्कापी काउंसलर(डीएमसी) हैं।
खोड़ा में एक टीबी यूनिट है और एक और खोलने की योजना है। लोनी में दो टीबी यूनिट हैं और दो यूनिट और खोलने की योजना है। टीबी संक्रमण कम करने के लिए माइक्रोस्कापी जांच की जगह ट्रू नेट सीवी नाट मशीन से जांच को वरीयता दी जा रही है। समझदार लोगों को जोड़कर संक्रमण की चेन को तोड़ने की योजना है। इन दिनों जांच अभियान चलाकर मरीज ट्रेस किये जा रहे हैं। हर साल 10 हजार से अधिक मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। - डॉ. अनिल कुमार यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी
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