गाजियाबाद में लोनी के रिटायर्ड फौजी ने सीएम दरबार में जहर खाया, विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने आरोप को बताया गलत
लोनी के सिरोली गाँव निवासी रिटायर्ड फौजी सतबीर गुर्जर ने लखनऊ में मुख्यमंत्री जनता दरबार में जहर खा लिया। उन्होंने लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर नंदू टैक्स वसूलने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। गुर्जर ने विधायक पर अवैध वसूली और सरकार को क्षति पहुंचाने का भी आरोप लगाया। विधायक ने आरोपों को निराधार बताया है।

जागरण संवाददाता, लोनी। लोनी के सिरोली गांव में रहने वाले रिटायर्ड फौजी सतबीर गुर्जर ने लखनऊ स्थित सीएम जनता दरबार में जहरीला पदार्थ खाया। उनका आरोप है कि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर से उनके व उनके परिवार को जान का खतरा है। उन्होंने विधायक पर नंदू टैक्स वसूलने का भी आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
सिरौली गांव निवासी सत्यवीर गुर्जर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र देकर बताया कि पीड़ित कारगिल योद्घा पूर्व फौजी है। लोनी विधायक ने माह अप्रैल में षडयंत्र के तहत एक कलश यात्रा निकाली थी। जिस यात्रा मकसद सिर्फ प्रदेश सरकार को क्षति पहुंचाना था।
आरोप है कि लोनी क्षेत्र से करोड़ों रुपयों की अवैध वसूली भी की जा रही है। इस तरह के षडयंत्र को पहंचान कर पीड़ित ने घटना के दौरान बनाई गई वीडियो सोशल मीड़िया पर डाल दिया था। जोकि आज भी फेसबुक आइडी पर मौजूद है। आरोप है कि तभी से लोनी विधायक एक्स एअरमैन से रंजिश मानता चला आ रहा है।
वहीं लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है एअरमैन पर गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। मेरे ऊपर लगाये गये सारे आरोप निराधार हैं। विधायक ने कहा कि एअरमैन स्वयं षडयंत्रकारी है। वहीं सतवीर एयर मेन अतुल का कहना है कि मेरे पिता 19 अगस्त को लाइव आए थे जिसमे उन्होनें लोनी विधायक के खिलाफ बोला था। जिसके बाद मेरे घर की बिजली काट दी गई। उसी रात मेरे पिता लखनऊ चले गए। जहर खाने की सूचना मिलते ही मेरा भाई अंकुर लखनऊ गया है।
आरोप लगाया की लोनी विधायक से प्रताड़ित होकर पिता ने यह कदम मजबूरी में उठाया है।
ऊर्जा निगम ने कनेक्शन काटा
अधिशासी अभियंता देवेंद्र कुमार ने बताया कि इनके भाइयों से इनका विवाद चल रहा है। भाइयों ने उन्हें शिकायत देकर बिजली कनेक्शन काटने की बात कही थी। क्योकि सत्यवीर के पास कोई स्वामित नहीं था, तो ऊर्जा निगम की तरफ से नोटिस देकर कागजात पूरे करने के लिए कहा गया था। लेकिन वह कागजात पूरे नहीं कर पाए। इनके ऊपर एक लाख रुपये से ऊपर भी बिजली का बकाया हैं। लेकिन उन्होंने स्वामित नहीं होने पर यह कार्रवाई की है।
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