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    गाजियाबाद में ऋण लेकर गायब हुए लोगों पर कार्रवाई शुरू, मृतकों का भी नहीं होगा कर्ज माफ

    गाजियाबाद में अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम योजना के तहत ऋण लेकर गायब हुए लोगों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। 1994 से अब तक 734 लोगों पर 12 करोड़ रुपये बकाया है। मृतकों के परिवार और गारंटरों से भी वसूली होगी। बकायादारों को 30 अगस्त तक का समय दिया गया है जिसके बाद संपत्ति जब्त की जाएगी।

    By Hasin Shahjama Edited By: Rajesh Kumar Updated: Mon, 25 Aug 2025 09:40 PM (IST)
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    ऋण लेकर गायब हुए लोगों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। फाइल फोटो

    हसीन शाह, गाजियाबाद। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम योजना के तहत कारोबार करने के लिए कर्ज लेकर गायब हुए अल्पसंख्यकों पर कार्रवाई की तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है। 1994 से अब तक 734 लोगों ने कर्ज लिया है और बकाया जमा नहीं किया है।

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    इन पर 12 करोड़ रुपये बकाया है। अनुमान है कि 100 से ज्यादा बकाएदारों की मौत हो चुकी है। विभाग मृतकों का कर्ज माफ नहीं करेगा। उनके परिवार और चल-अचल संपत्ति से ब्याज समेत कर्ज वसूला जाएगा। गारंटरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। विभाग द्वारा नोटिस भेजने के बाद रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी करने की तैयारी की जा रही है।

    यह योजना अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कारोबार करने के लिए शुरू की गई थी। योजना के तहत विभिन्न शर्तों पर आर्थिक सहायता दी जाती है। जैसे, क्रेडिट लाइन वन के तहत छह प्रतिशत ब्याज पर और क्रेडिट लाइन टू के तहत आठ प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया जाता है।

    योजना का लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी या जैन होना चाहिए। यह योजना 1994 में शुरू की गई थी। गाजियाबाद जिले में 734 लोगों ने कर्ज लेने के बाद बकाया राशि जमा नहीं की।

    इनसे बकाया राशि वसूलने के लिए विभाग सबसे पहले यह पता लगाएगा कि बकायादार जीवित है या उसकी मृत्यु हो गई है। अगर वह जीवित है, तो बकायादार को नोटिस जारी किया जाएगा। इसी तरह, मृतक के परिवार और जमानतदारों को भी नोटिस जारी किया जाएगा। तीन नोटिस के बाद भी बकाया कर्ज जमा नहीं करने पर आरसी जारी की जाएगी।

    कर्ज माफी की आस में हुआ नुकसान: सूत्रों के अनुसार, पिछली सरकार में जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर दबाव बनाकर बकायादारों को भरोसा दिलाया था कि उनका कर्ज माफ कर दिया जाएगा। जिसके चलते कुछ बकायादार एक भी किस्त जमा नहीं कर पाए।

    यह आश्वासन उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुआ है। जिन लोगों ने एक लाख रुपये से कम का कर्ज लिया था, उन्हें अब ब्याज समेत सात लाख रुपये से अधिक जमा करने होंगे। जमा नहीं करने पर संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।

    बड़े डिफॉल्टर जिन्होंने लोन लिया और कुछ किश्तें जमा कीं, लेकिन पूरा लोन नहीं चुकाया

    नाम लोन लिया जमा बकाया
    मोहम्मद अहतेशाब 1,80,000 24,000 221721
    मोहम्मद मिया 1,80,000 24,000 2,19,835
    यास्मीन खान 3,60,000 66,000 4,14,363
    इस्माइल बेग 2,70,000 51,000 3,10,983
    आसिफ खान 2,70,000 47,186 3,14,197

    बड़े डिफॉल्टर जिन्होंने लोन लिया और एक भी किश्त जमा नहीं की डिफॉल्टर

    नाम लोन लिया असाधारण
    प्यारे लाल 94,050 7,84,174
    वासिफ अली 90,650 7,74,761
    शाहिद खान 90,650 7,74,761
    पुरूषोत्तम 90,337 7,67,164
    इरफ़ान अली 1,45,800 7,55,972
    हबीब अहमद 94,050 7,84,174
    कुंजुमा 90,650 7,74,761
    इरफ़ान अली 1,45,800 7,55,972
    सुलेमान 90,650 7,74,761
    नवाउद्दीन 85,000 7,22,253

    बकायादारों को 30 अगस्त तक बकाया राशि जमा करनी होगी। जिला मजिस्ट्रेट, बकाया राशि को भू-राजस्व के बकाया के रूप में बकाया राशि के रूप में वसूलेंगे। बकायादारों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना होगा। बकायादार की मृत्यु होने पर, उसके परिवार और जमानतदारों को बकाया राशि जमा करनी होगी। यदि राशि जमा करने में देरी होती है, तो राशि बढ़ती रहेगी।

    -साहित्य निकेश सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।