गाजियाबाद में 80 करोड़ से बनेगी 200 बेड के अस्पताल की नई बिल्डिंग, नक्शा किया गया जारी
गाजियाबाद में 80 करोड़ रुपये की लागत से 200 बेड का नया जिला अस्पताल बनेगा। पुराने जर्जर भवन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। नए अस्पताल में अंडरग्राउंड पार्किंग और आईसीयू जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। निर्माण कार्य के दौरान ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। अस्पताल का मुख्य द्वार दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर होगा।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। आजादी के बाद 1956 में दानवीरों के दम पर बना जिला एमएमजी(मुकंदलाल म्यूनिसिपल गवर्नमेंट)का नया भवन बनाने की कवायद तेज हो गई है। वर्तमान भवन जर्जर होने के साथ पीडब्ल्यूडी द्वारा पांच साल पहले ही निष्प्रयोज्य घोषित किया जा चुका है।
हर महीने अधिकारी डरकर शासन को पत्र लिखते हैं कि जर्जर भवन में ओपीडी चलाया जाना खतरे से खाली नहीं है। वर्षा के चलते छत टपकने पर 30 बेड के महिला सर्जिकल वार्ड का पूरी तरह से खाली कराया गया है। इसके गिरने का डर अधिकारियों को सताने लगा है।
इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शासन को पत्र भेज भेजकर नया भवन बनवाने की प्रक्रिया को आगे बढ़वा दिया है। सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि नई बिल्डिंग का नक्श बनाते हुए जारी कर दिया है। नया भवन भी संभवत पीडब्ल्यूडी द्वारा ही बनाया जाएगा।
इससे पहले जिस जगह पर नया भवन प्रस्तावित है वहां पर टीबी अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग को ध्वस्त किया जाना जरूरी है। इसको ध्वस्त करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नये जिला एमएमजी अस्पताल का नक्शा तैयार करने के बाद जारी हो गया है।
यह भवन टीबी अस्पताल की एक एकड़ जमीन पर बनेगा। इस अस्पताल का फिलहाल खाली करा दिया गया है। यहां पर एक ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है, इसे भी हटाना होगा। सात मंजिला नया भवन 80 करोड़ की लगात से बनेगा।
दो सौ बेड के नए अस्पताल को बनने में डेढ़ साल का समय लग सकता है।400 वाहनों की पार्किंग अंडरग्राउंड बनाने को डबल बेसमेंट बनेगा। जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग बनने से शहर के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। नए भवन में आइसीयू भी बनेगा। अस्पताल का मुख्य द्वार दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर बनाया जाएगा।
वर्तमान दोनों गेट भी चालू रहेंगे। नए भवन के बनने के बाद चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के आवास बनाये जाएंगे। नई योजना का लाभ यह होगा कि ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं चलते चलते नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य चलता रहेगा।
जरूरत पड़ने पर कुछ जर्जर भवनों में मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी जाएगी। वर्तमान में रोज तीन हजार से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। तीन सौ से अधिक मरीज इमरजेंसी में पहुंचते हैं। सौ से अधिक एमएलसी होती हैं। सौ से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं।डेंगू और आइसीयू वार्ड में मरीजों के संग तीमारदार भी रहते हैं।
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