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    Ghaziabad Construction Bylaws: गाजियाबाद में अब घर बनाना होगा आसान, नए भवन निर्माण नियम लागू

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 10:55 AM (IST)

    गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण के नए भवन निर्माण नियम लागू हो गए हैं। इसके तहत अब कम जमीन पर भी ग्रुप हाउसिंग और दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी। फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ने से ऊंची इमारतें बन सकेंगी। छोटे भूखंड पर अपार्टमेंट निर्माण से मध्यम वर्ग को लाभ होगा। ऑनलाइन नक्शा पास कराने और समय पर एनओसी देने से भ्रष्टाचार कम होगा।

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    गाजियाबाद नए निर्माण नियमों से आवंटियों को फायदा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशंस 2025 लागू करने का शासनादेश विशेष सचिव राजेश कुमार राय ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद जारी किया।

    जीडीए समेत आवास विकास परिषद के हजारों आवंटियों को इसका लाभ मिलेगा। नए बायलाज के मुताबिक अब नियमानुसार एक हजार वर्ग मीटर में ग्रुप हाउसिंग और घर में दुकान खोलने की भी मंजूरी दी गई है।

    फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) ढाई से पांच होने पर शहर में भी उंची इमारताें का निर्माण हो सकेगा। मकान निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की बाध्यता समाप्त होने के साथ ही अब सैटबैक को छोड़कर लोग पूरे भूखंड पर घर बना सकेंगे। इसके साथ ही छोटे भूखंड पर अपार्टमेंट का निर्माण किया जा सकेगा।

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    इससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग लाभांवित होंगे, जो कम बजट में घर बना सकेंगे, जिसके निर्माण की प्रक्रिया भी आसान होगी। शासनादेश के मुताबिक नौ मीटर चौड़ी सड़क पर बिना बेड का अस्पताल और प्राइमरी स्कूल व सड़क किनारे 12 मीटर मार्ग पर इंटर कालेज व डिग्री कालेज और तकनीकी संस्थान के लिए पांच हजार वर्ग मीटर भूखंड में निर्माण हो सकेगा।

    शासनादेश के मुताबिक औद्योगिक इकाइयों और चिकित्सालयों को पूर्णता प्रमाण पत्र देने की तिथि से 10 वर्ष में भवन का स्ट्रक्चरल आडिट कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा आवासीय परिसर में दुकान को भी मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके लिए 90 मीटर के भूखंड और सामने नौ मीटर चौड़ी सड़क पर दुकान का निर्माण किया जा सकेगा। बड़ा भूखंड होने पर सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होनी आवश्यक है।

    एक हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग

    नए बायलाज के अनुसार अब ग्रुप हाउसिंग एक हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर की जा सकेगी। पहले इसके लिए दो हजार वर्ग मीटर भूखंड होने की बाध्यता थी। पुराने शहरी क्षेत्र (बिल्टअप एरिया) में एक हजार और अन्य क्षेत्रों में 1500 वर्गमीटर भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग की अनुमति होगी।

    औद्योगिक इकाइयों के लिए 300 की जगह 150 वर्गमीटर भूखंड और चिकित्सालय और शापिंग माल के लिए 20 हजार वर्ग मीटर की जगह तीन हजार वर्गमीटर भूखंड का निर्माण हो सकेगा। अब पहली मंजिल पर पार्किंग यानि स्टिल्ट पार्किंग को भी नए बायलाज के अनुसार मंजूरी मिली है। लोग अपने मकानों में इसका निर्माण कर सकेंगे। वहीं, अब शत प्रतिशत बेसमेंट के निर्माण की भी सुविधा मिलेगी।

    भवन निर्माण के लिए 15 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र देंगे विभाग

    भवन निर्माण के लिए सरकारी विभागों को अब सात से 15 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र देना होगा। देरी होने पर इसे स्वत: ही एनओसी मिलना माना जाएगा। वहीं, 100 वर्ग मीटर के आवासीय और 30 वर्ग मीटर के व्यवसायिक भवन निर्माण के लिए सिर्फ पंजीकरण कराना होगा।

    महायोजना में आवासीय भू उपयोग के तहत 300 वर्गमीटर के भूखंड पर एकल आवासीय भवन नक्शा तय शुल्क अदा करने पर पास हो जाएगा। इसके अलावा स्वीकृत लेआउट वाले क्षेत्रों में 500 वर्गमीटर के आवासीय व 200 वर्ग मीटर के व्यवसायिक भवन निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट का बनाया नक्शा आनलाइन प्रक्रिया के तहत पास होगा। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के साथ ही समय की भी बचत होगी।

    नए बायलाज से कुछ खास

    • पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक जैसे भवन निर्माण नियम
    • ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य
    • डिजास्टर सेफ और विकलांगजन के लिए अनुकूल बिल्डिंग डिजाइन
    • आनलाइन नक्शा पास कराने की सुविधा
    • जनता से 30 दिन में सुझाव और आपत्तियां मांगी गईं
    • छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक यह नियम लागू होंगे

    जीडीए की बोर्ड बैठक में उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां 2025 का शासनादेश को रखकर अवगत कराया जाएगा। इससे गाजियाबाद के लोगों को लाभ मिलेगा। छोटे भूखंड वाले लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा और अब तेजी के साथ इमारतें भी बनती नजर आएंगी।

    अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए