CHC डासना में प्रसव के दौरान महिला और नवजात की मौत, लापरवाही पर उठे सवाल, मृतक को मरीज बता सुपुर्द की बॉडी
गाजियाबाद के डासना सीएचसी में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही से यह घटना हुई है। मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सीएचसी डासना में प्रसव के दौरान लेबर रूम में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई है। मौत के पांच दिन बाद इस प्रकरण में जांच समिति का गठन किया गया है। पिछले पांच दिन में सरकारी अस्पतालों में तीन महिलाओं की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन हैं। इतना ही नहीं डेथ ऑडिट के नाम पर कागजी कार्रवाई पूरी हो रही है। जिले में बेशक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) चल रहा है लेकिन एक के बाद एक प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत हो रही है। अब तक तीस से अधिक महिलाओं की मौत हो चुकी है।
कब-कब क्या हुआ?
खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौत के मामलों को दर्ज करने की जगह छिपाने में लगे हुए हैं। ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना से जुड़ा हुआ है। सीएचसी की रिपोर्ट के अनुसार, पांच सितंबर की सुबह को मिसलगढ़ी निवासी आनंद ने प्रसव पीड़ा के बाद अपनी 35 वर्षीय पत्नी नीतू को भर्ती कराया। नीतू को डाॅक्टर अभिषेक पाल द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था।
मृतक को मरीज लिख कराया हस्ताक्षर
बीएचटी के अनुसार, दोपहर 2:15 बजे सामान्य प्रसव से नीतू ने बेटे को जन्म दिया लेकिन प्रसव के तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गई। थोड़ी देर बाद नीतू की हालत भी बिगड़ गई। लेबर रूम में स्टाफ नर्स भारती और वर्षा के साथ नीतू की जेठानी दीपा मौजूद थी। आनन-फानन में ईएमओ को बुलाया गया। नीतू को जरूरी इंजेक्शन के अलावा सीपीआर भी दिया गया लेकिन 3 बजे नीतू ने लेबर रूम में दम तोड़ दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रकरण में जांच करने की बजाय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से पति आनंद से यह तक लिखवा लिया कि मरीज को हम अपनी मर्जी से साथ ले जा रहे हैं जबकि महिला की मौत हो चुकी थी।
सारे उपचार फेल हो गए
बीएचटी में भी इस प्रकरण में रेफरल शब्द का इस्तेमाल किया गया है। नीतू के पति आनंद गोविंदपुरम स्थित महर्षि दयानंद इंटर काॅलेज में शिक्षक हैं। उनका आरोप है कि नीतू की मौत चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते हुई है। इस संबंध में गांव से लौटने पर सीएमओ समेत उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत करने की बात कही है। प्रसव के दौरान नीतू को कार्डियक अटैक की बात भी चिकित्सकों ने रिपोर्ट में दर्ज की है। साथ ही, लिखा है कि काफी देर तक नीतू को सीपीआर भी दिया गया लेकिन सारे उपचार फेल हो गए।
अस्पताल से रेफर कर दिया गया
बता दें कि विजयनगर के रहने वाले विपिन की 37 वर्षीय पत्नी विशाखा की सात सितंबर को जिला महिला अस्पताल में मौत हो गई थी। मगर चिकित्सकों ने डेड बाॅडी को ही जिला एमएमजी अस्पताल को सिर्फ यह पता करने के लिए रेफर कर दिया कि जिंदा है या मृत। इसके अलावा बुधवार देर रात को भी सलमान की पत्नी साजिदा को गंभीर हालत में जिला महिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया। एमएमजी अस्पताल में उपचार के दौरान साजिदा की भी मौत हो चुकी है।
जांच समिति तो बनी मगर कार्रवाई कुछ नहीं
जिला महिला अस्पताल से डेड बाॅडी रेफर करने की जांच को लेकर समिति गठन का आदेश तो जारी हो गया है लेकिन पांच दिन बाद भी नामित सदस्यों का कोटा पूरा नहीं हुआ है। केवल डूंडाहेड़ा अस्पताल से एक निश्चेतक का नाम सीएमएस को लिखित में भेजा गया है। सीएमएस डाॅ. अभिषके त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की है। समिति में 50 बेड की क्षमता वाले डूंडाहेडा अस्पताल के सीएमएस अथवा निश्चेतक, संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल के सीएमएस अथवा स्त्री रोग विशेषज्ञ और सीएमओ द्वारा एसीएमओ को नामित किया जाना है। इस प्रकरण में जांच समिति के समक्ष डाॅ. सुषमा शर्मा, डाॅ. नीरू कौशिक, स्टाफ नर्स ऊषा और फार्मासिस्ट अमित प्रथम के बयान होंगे।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
"पांच सितंबर को नीतू एवं उसके नवजात बच्चे की मौत को लेकर स्वजन की ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है। सीएचसी स्तर से प्रकरण की जांच को समिति गठित कर दी गई है। समिति में डिप्टी सीएमओ डाॅ. दवीलाल को भी नामित किया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी। नीतू की मौत प्रारंभिक जांच में कार्डियक अटैक के चलते हुई है।"
- डाॅ. प्राची पाल, एमएस सीएचसी डासना
निष्पक्ष जांच कराई जाएगी
"लगातार हो रही मातृ मृत्यु के प्रकरणों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद ही संबंधित के खिलाफ कोई अग्रिम कार्रवाई होगी।"
-डाॅ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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