यमुना का जलस्तर बढ़ने से अलर्ट मोड पर अधिकारी, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी
लोनी में हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। अधिकारियों ने यमुना नदी का निरीक्षण किया और ग्रामीणों के साथ बातचीत की उन्हें आपदा से बचाव के लिए तैयार रहने को कहा।

संवाद सहयोगी, लोनी। हथिनी कुंड बैराज से सोमवार को यमुना नदी में करीब 3.29313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस वर्ष छोड़े गए पानी की यह सर्वाधिक मात्रा है। हरियाणा से छोड़ा गया पानी के मंगलवार सुबह तक लोनी पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं और बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है।
खादर किनारे निवासी किसान चिंतित हैं। अपर जिलाधिकारी ने यमुना नदी का मुआयना कर पचायरा गांव स्थित बाढ़ चौकी पर ग्रामीणों के साथ वार्ता की। अधिकारियों ने मुनादी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए यमुना नदी किनारे न जाने के लिए कहा है।
हरियाणा हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक सोमवार सुबह बैराज से करीब 3.29313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। प्रशासन द्वारा यमुना नदी के उफान पर होने व आपदा से बचाव के लिए तैयारी पूरी की हुई है।
अपर जिलाधिकारी सौरभ भट्ट ने सोमवार को यमुना नदी के तटबंध व अधिकारियों द्वारा पूर्व में की गई तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने पचायरा गांव स्थित बाढ़ चौकी में ग्रामीणों के साथ वार्ता की। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि प्रशासन द्वारा आपदा से बचाव के लिए तैयारी की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि सोमवार शाम चार बजे तक यमुना का जलस्तर करीब 210.15 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 209 मीटर है। बाढ़ चौकियों पर तैनात अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
लोगों को रेडियो, टेलीविजन, सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर जानकारी लेने व ऊंचे स्थानों को चिन्हित करने, आवश्यक दस्तावेज को वाटर प्रूफ बैग में रखने, दवाइयों व सूखे अनाज को ऊंचे स्थान पर रखने मवेशियों, महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, बीमार व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए लोग टाेल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
यमुना तटबंध की मिट्टी धंसी
लोनी यमुना नदी में पानी छोड़े जाने से निगरानी टीम को सतर्क रहने को कहते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने बांध का निरीक्षण किया, लेकिन इस बीच पुश्ता बांध का कटा क्षेत्र अधिकारियों की नजर में नहीं आया। ऐसे में यमुना के आसपास के गांव के लोगों और कृषि की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। वर्ष 2023 में लोनी और गाजियाबाद में बाढ़ ने कहर बरपाया था।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
यमुना नदी में खतरे का निशान 209 मीटर पर है। खतरे के निशान से ऊपर यमुना पानी बहने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ नियंत्रण सदस्यों को बाढ़ चौकी बनाकर बाढ़ के खतरे से निपटने का आदेश दिया था। पचायरा गांव में नदी किनारे एक स्थायी बाढ़ चौकी है। बाढ़ चौकी से कुछ दूरी पर यमुना के तटबंध की मिट्टी धंस गई है। तटबंध की मरम्मत का कार्य न होना निगरानी करने में लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें की 2023 में अलीपुर बांध के टूट जाने से लोनी क्षेत्र के 13 गांव और सिटी औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित हुए थे।
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