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    Ghaziabad News: पीएसी जवान के माता-पिता को 41 लाख रुपये देंगी बीमा कंपनी, सड़क हादसे में ड्यूटी के दौरान गई थी जान

    गाजियाबाद में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले पीएसी जवान प्रवीन कुमार के परिवार को बीमा कंपनी 41 लाख से अधिक का मुआवजा देगी। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने बीमा कंपनियों को यह राशि जमा करने का आदेश दिया है। दूसरी ओर उपभोक्ता आयोग ने बीमा राशि न देने पर बैंक ऑफ इंडिया पर जुर्माना लगाया है।

    By Shahnawaz Ali Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 21 Aug 2025 08:40 AM (IST)
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    उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने बैंक ऑफ इंडिया पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सड़क हादसे में ड्यूटी के दौरान बुलंदशहर में जान गंवाने वाले पीएसी जवान प्रवीन कुमार के माता-पिता को 41,24,206 रुपये बीमा कंपनी मुआवजा अदा करेंगी।

    मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी संजय वीर सिंह ने निर्णय सुनाते हुए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को 20,62,103 की बराबर-बराबर बीमा राशि एक माह में 7.5 प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ जमा करने के आदेश दिए हैं।

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    अधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार प्रवीन कुमार मोदीनगर क्षेत्र के मुरादाबाद गांव के रहने वाले थे। वह दो फरवरी 2021 को बुलंदशहर हाईवे पर शांति व्यवस्था में ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान दो ट्रकों की टक्कर में वह गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के माता-पिता ने कुल 81.20 लाख हजार रुपये का मुआवजा मांगा था।

    बैंक मृतका के पति को अदा करेगा एक लाख का जुर्माना

    उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने पत्नी के निधन के बाद पति को बैंक से इंश्योरेंस नहीं मिलने पर बैंक ऑफ इंडिया पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने निर्णय में पांच हजार रुपये अतिरिक्त खर्च और मानसिक पीड़ा के लिए देने का आदेश दिया है।

    सर्वोदय नगर निवासी जगदीश कुमार की पत्नी का बैंक ऑफ इंडिया में खाता था। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कराया था।

    खाताधारक की 16 जून 2018 को इलाज के दौरान मृत्यु होने पर बीमा पॉलिसी के तहत परिवार को चार लाख रुपये की राशि मिलनी थी, लेकिन बैंक ने जीवन बीमा योजना का नवीनीकरण न होना बताते हुए बीमा राशि देने से इन्कार कर दिया। सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम ने बैंक को 45 दिन में एक लाख रुपये जुर्माना और पांच हजार रुपये अन्य खर्च के रूप में अदा करने का आदेश दिया।

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    शाहनवाज अली