'कान साफ करने वाले को ENT सर्जन नहीं कहते', CMS और EMO के बीच टकराव की गाजियाबाद से लखनऊ तक चर्चा
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में सीएमएस और ईएमओ के बीच वाट्सएप पर अभद्र टिप्पणी का मामला सामने आया है। ईएमओ द्वारा सीएमएस पर आरोप लगाने के बाद विवाद बढ़ गया। सीएमएस ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना चिकित्सा समुदाय में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मदन पांचाल, गाजियाबाद। चिकित्सक शिक्षित ही नहीं समझदार और बेहतर परामर्शदाता होते हैं। पृथ्वी का दूसरा भगवान तक लोग कहते हैं, लेकिन कुछ चिकित्सकों की कार्यप्रणाली की वजह से पूरे चिकित्सक परिवार पर अंगुली उठने लगती है। यहां तक कि इनके चलते सरकार की छवि तक धूमिल होती है।
ऐसा ही एक मामला इन दिनों गाजियाबाद से लेकर लखनऊ तक के चिकित्सकों के बीच चर्चाओं में हैं। मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जांच-पड़ताल शुरू हो गई है। मामला जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह(ईएनटी) और डूंडाहेडा स्थित 50 बेड अस्पताल में कार्यरत ईएमओ डॉ. एसपी सिंह के बीच टकराव का है।
डेढ़ साल से क्यों चल रहा विवाद?
यह टकराव यूं तो पिछले डेढ़ साल से चल रहा है, लेकिन हाल ही में यह टकराव चिकित्सकों के वाट्सएप ग्रुप पर एक दूसरे पर अभद्र टिप्पणी करने तक जा पहुंची। दरअसल सहारनपुर में चिकित्सकों और सीएमएस के बीच हुए विवाद का एक वीडियो पहले इस ग्रुप पर शेयर किया गया।
इसी को लेकर ईएमओ डॉ. एसपी सिंह ने लिखा कि ऐसे ही परेशान सीएमएस एमएमजी के सभी डॉक्टरों को करते हैं। इस पर सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने जवाब देते हुए लिखा कि तुम तो किसी लायक नहीं हो अपने आप की सर्जन से तुलना कर रहे हो, कितनी जांच बैठी हैं तुम्हारे ऊपर पता है।
इस टिप्पणी के बाद ईएमओ डॉ. एसपी सिंह ने लिखा कि तुमने अपनी पूरी जिंदगी में एक भी ऑपरेशन तो किया नहीं है, कान-साफ करने वाले को ईएनटी सर्जन नहीं कहा जाता है। ऐसे कान साफ करने वाले रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बहुत घूमते हैं।
अपर निदेशक को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग
सीएमएस के फोन करने पर उक्त ईएमओ को ग्रुप से रिमूव कर दिया गया, लेकिन इस अभद्र टिप्पणी के चलते सीएमएस रातभर तनाव में रहे और नींद भी नहीं आई। सुबह होते ही सीएमएस ने इस संबंध में सीएमओ समेत उच्चाधिकारियों को पत्र लिखते हुए डॉ. एसपी सिंह के खिलाफ वैद्याानिक कार्रवाई का अनुरोध किया है। बता दें कि सीएमएस राकेश कुमार सिंह पिछले कई वर्षों से यहां तैनात हैं और अनेक सर्जरी कर चुके हैं। सीनियर भी हैं।
सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी व्यक्तिगत जीवन को आघात पहुंचाने एवं छवि धूमिल करने की मंशा से की गई है। यह राजकीय आचरण नियमावली के विरुद्ध है। पहले भी उक्त ईएमओ द्वारा सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के अलावा स्टाफ के संग अभद्र व्यवहार किया गया है। कुछ शिकायतों की जांच हुईं है। - डॉ. राकेश कुमार सिंह,सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल
सीएमएस के पत्र के आधार पर उच्च स्तरीय जांच के लिए अपर निदेशक मेरठ मंडल को पत्र भेज दिया गया है। यह बेहद ही खराब एवं गंभीर प्रकरण है।
- डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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