गाजियाबाद में गर्मी का कहर, अस्पताल मरीजों से भरे; सिर दर्द और डायरिया के बढ़े मरीज
गाजियाबाद में गर्मी बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों ने लोगों को गर्मी से बचने खूब पानी पीने और बाहर का खाना न खाने की सलाह दी है। एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वालों की भी संख्या बढ़ रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। धूप से लोग परेशान होने लगे हैं। सिर दर्द, डायरिया,बुखार और थकान के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी और इमरजेंसी में सबसे अधिक मरीज उल्टी-दस्त के पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को दोनों अस्पतालों की ओपीडी में बुखार के 346 मरीज पहुंचे।
इनमें 35 बच्चे शामिल हैं। 16 बच्चों को भर्ती किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को कुल 1728 मरीज पहुंचे। इनमें 842 महिला, 605 पुरुष और 281 बीमार बच्चे पहुंचे।
बुखार के 252 मरीजों में 22 बच्चे शामिल रहे। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 954 मरीजों में 489 महिला, 338 पुरुष और 102 बीमार बच्चे शामिल रहे। बुखार के 94 मरीजों में 13 बच्चे शामिल रहे
फिजिशयन की सलाह
डॉ. संतराम वर्मा ने बताया कि अधिकांश लोग गर्मी में सावधानी नहीं बरत रहे हैं। बाहर का खाना खाने से अधिक लोग बीमार हो रहे हैं। स्वच्छ पानी नहीं पीने से पेट दर्द और डिहाइड्रेशन के मरीज बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि धूप में बाहर निकलने से बचें। खूब पानी पीएं। ताजे फलों का सेवन करें। बाहर का खाना न खाएं।
327 लोगों ने लगवाई एंटी रेबीज वैक्सीन
जासं, गाजियाबाद: पिछले 24 घंटे में 327 लोगों को कुत्ते, बंदर और बिल्ली ने काटा है। दो जिला स्तरीय सरकारी अस्पतालों के अलावा सीएचसी में पहुंचकर अधिकांश लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई । इनमें से पहली डोज लगवाने वाले 105 लोगों में 34 बच्चे शामिल हैं।
इनमें महिला और बुजुर्ग भी शामिल हैं। एमएमजी में 223 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई। इनमें पहली डोज लगवाने वाले 71 लाेगों में 20 बच्चे शामिल रहे। संयुक्त अस्पताल में 104 लोगों में से पहली डोज लगवाने वाले 39 में 14 बच्चे शामिल रहे।
बेड खाली, मरीजों को नहीं किया जा रहा भर्ती
सरकारी अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं लेकिन मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। शुक्रवार को जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में ऐसे ही कई मरीज स्लिप पर लेटे कराहते देखे गये। पूछने पर दोनों ने बताया कि बेड खाली न होने की बात कहकर फिलहाल भर्ती नहीं किया गया है।

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