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    गाजियाबाद में गर्मी का कहर, अस्पतालों में उल्टी-दस्त के मरीजों की बढ़ी संख्या; 15 से ज्यादा किए गए भर्ती

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 09:58 AM (IST)

    गाजियाबाद में गर्मी के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। उल्टी दस्त और बुखार के मरीज अधिक आ रहे हैं। संयुक्त अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा में कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल में आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया गया है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में एक बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।

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    संयुक्त जिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर हो रही मरीजों की भीड़। जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गर्मी और लू के चलते सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। दोनों अस्पतालों की ओपीडी में मंगलवार को 2574 मरीज पहुंचे। रिपोर्ट के अनुसार इनमें 363 बच्चे शामिल है। बुखार के 460 मरीजों में 43 बच्चे शामिल रहे।

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    दोनों अस्पतालों की इमरजेंसी में 15 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया है। जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह के अनुसार ओपीडी में कुल 1679 मरीज पहुंचे। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में 895 मरीज पहुंचे। गर्मी के चलते ओपीडी में कई मरीज खडे खडे थककर जमीन पर बैठ गये।

    एमएमजी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा ने बताया कि गर्मी के चलते पेट दर्द और बुखार के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। डायरिया के मरीजों को तुरंत भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा दोनों अस्पतालों में कुत्तों के काटने पर कुल 284 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे। इनमें 116 ने पहली डोज लगवाई।

    मोबाइल से खींचनी पड़ती है एक्स-रे की तस्वीर

    संयुक्त जिला अस्पताल में एक्स-रे कराने वाले मरीज इन दिनों परेशानी का सामना कर रहे हैं। यहां एक्स-रे की तस्वीरें मोबाइल से खींचनी पड़ रही हैं। इसी को डॉक्टर को दिखाकर परामर्श मिलती है।

    बड़ी संख्या में ऐसे मरीज हैं जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है या फिर वे स्मार्टफोन चलाना नहीं जानते। ऐसे में उन्हें रिश्तेदारों या अन्य मरीजों के साथ अस्पताल आना पड़ता है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है।

    अस्पताल में रोजाना 150 से अधिक लोगों का एक्स-रे किया जाता है। सीएमएस संजय गुप्ता का कहना है कि एक्स-रे की पिक्चर मशीन के लिए कई बार डिमांड भेज चुके है जल्द मशीन की व्यवस्था की जाएगी। इससे मरीजों को राहत मिल सके।

    आग लगते ही बज उठेगा अलार्म

    मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला संयुक्त अस्पताल में आधुनिक फायर सेफ्टी सिस्टम के तहत आटोमेटिक सायरन सिस्टम स्थापित किया है। यह सिस्टम आग लगने की स्थिति में न केवल सायरन बजाकर अलर्ट करेगा बल्कि यह भी जानकारी देगा कि आग किस फ्लोर पर लगी है।

    जिला संयुक्त अस्तपात में रोजाना 1000 से अधिक लोग इलाज कराने के लिए आते है। सभी सुविधाएं होने के बाद भी यहां फायर सिस्टम की सुविधा ठीक नहीं थी। जिला संयुक्त अस्पताल के सीएमएस संजय गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में फायर सिस्टम ठीक नहीं थे। इससे आग लगने पर काबू पाना काफी कठिन हो रहा था।

    इसको ध्यान में रखते हुए आधुनिक फायर सिस्टम लगया जा रहा जा रहा है। यह जिले के किसी सरकारी अस्पताल का पहला आधुनिक फायर सिस्टम होगा। इस तकनीकी पहल का उद्देश्य आग लगने की स्थिति में तुरंत सतर्कता फैलाना और जान-माल के नुकसान को रोकना है। गर्मियों के मौसम में शॉर्ट सर्किट और अन्य कारणों से आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में यह उपयोगी होगा।

    छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में बुजुर्ग की मौत

    मंगलवार को पंजाब स्थित जिला संगरूर के गांव सिगरा निवासी गोपाल कृष्ण(67) की ट्रेन में तबीयत खराब हो गई। गाजियाबाद पहुंचने पर वह बेहोश हो गये। ट्रेन रूकने पर उन्हे उतारा गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हे मृत घोषित कर दिया।

    गोपाल रविवार को वृदांवन परिक्रमा करने के लिए पहुंचे थे। वहां से दर्शन करने बाद मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से वापस पंजाब जा रहे थे। यह ट्रेन गाजियाबाद होते हुए पंजाब जाती है। स्टेशन से ट्रेन में सवार होने के बाद अपने कोच तक पहुंचने में पर उनकी हालत अधिक खराब होने लगी।

    निजामुददीन स्टेशन पर पहुंचते ही ज्यादा तबीयत बिगड़ गई। तुरंत उन्होंने निजामुददीन स्टेशन पर स्वजन को फोन करके तबीयत खराब होने की सूचना दे दी। गाजियाबाद स्टेशन पर गाड़ी के पहुंचने पर में उन्हे उतारा गया, जहां डाक्टरों उन्हे मृत घोषित कर दिया है।

    प्रभारी निरीक्षक जीआरपी नवरत्न गौतम ने बताया कि स्वजन ने पंचनामा भरते हुए बिना पोस्टमार्टम के शव को घर ले जानी की अनुमति मांगी, जो दे दी गई।उनके अनुसार मृतक पहले से मधुमेह और बीपी के मरीज थे। इसके अलावा जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में एक महिला मृतावस्था में पहुंची थी। मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।