Ghaziabad News: हज हाउस की तकदीर बदलने की तैयारी, पीपीपी मोड पर होगा गेस्ट हाउस का संचालन
गाजियाबाद के आला हजरत हज हाउस को अब गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने निरीक्षण के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें पीपीपी मॉडल पर संचालन का प्रस्ताव है। 51.16 करोड़ रुपये से निर्मित इस हज हाउस में 16 जिलों के हज यात्रियों के लिए सुविधाएं थीं पर वर्तमान में जर्जर है।
हसीन शाह, गाजियाबाद। प्रदेश के 16 जिलों के हज यात्रियों के लिए हरनंदी नदी के किनारे बनाए गए आला हजरत हज हाउस की तकदीर बदलने की तैयारी की जा रही है। हज हाउस को गेस्ट हाउस के रूप में प्रयोग किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने निरीक्षण के बाद इसकी आख्या तैयार की है। आख्या में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड इसे संचालित करने की तैयारी है। वर्तमान में हज हाउस बेजार पड़ा है।
हज यात्रियों के रुकने के लिए 51.16 करोड़ रुपये से सात मंजिला हज हाउस का निर्माण किया गया था। यह 11 साल में बनकर तैयार हुआ। इसमें नगर निगम की चार एकड़ जमीन का उपयोग हुआ है। इसका निर्माण कार्य शुरू होने के दौरान से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। इसका शिलान्यास 30 मार्च 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने किया था।
इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पांच सितंबर 2016 को किया। इसका निर्माण सी एंड सी उप्र जल निगम द्वारा किया गया। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के हज पर जाने वाले श्रद्धालुओं के जाने के लिए व्यवस्था की गई है। एक ही छत के नीचे रुकने, खानपान, टीकाकरण, उपचार आदि सुविधा है।
वर्तमान में हज हाउस का प्रयोग नहीं हो रहा है। हज हाउस की स्थिति जर्जर होती जा रही है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकेश सिंह ने टीम के साथ हज हाउस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया है।
हज हाउस की सुरक्षा के लिए केवल एक सिक्योरिटी गार्ड तैनात है। बावजूद इसके यहां आए दिन चोरी हो रही हैं। लिफ्ट व स्ट्रीट लाइटें खराब है। बिल्डिंग का प्लास्टर गिर रहा है व कुछ शीशे टूट गए हैं। वर्षा में छत टपकती है। कुछ दरवाजे टूट गए हैं। गंदगी से बुरा हाल है।
बिजली की वायरिंग खराब हो चुकी है। पेयजल की व्यवस्था नहीं है। निरीक्षण करने के बाद विभाग ने इसकी आख्या तैयार कर ली है। आख्या को निदेशालय को भेजा जाएगा। पीपीपी मोड पर इसे संचालित करने का सुझाव दिया गया है। इसका प्रयोग गोष्ठि, गेस्ट हाउस या अन्य कार्यक्रम आदि के लिए किया जा सकेगा।
प्रतिदिन मिल सकता है तीन से चार लाख रुपये का किराया
इसका सुंदरीकरण कराने पर हज हाउस जीटी रोड और एलिवेटेड रोड से दिखाई देगा। लाइटों से सजे हज हाउस का रात में अलग ही नजारा होगा। विभाग का अनुमान है कि मेंटेनेंस और सुदंरीकरण के बाद इसमें एक कार्यक्रम के प्रतिदिन तीन से चार लाख रुपये किराये के रूप में मिल सकते हैं।
लोगों के टैक्स के पैसे से बना हज हाउस को विभाग को अच्छा खासा राजस्व मिलने की उम्मीद है। वहीं, हज यात्रा के दौरान अन्य गतिविधियों को बंद कर दिया जाएगा। विभाग की आख्या शासन में मंजूर कर ली जाती है तो हज हाउस की तकदीर बदलने के साथ काया पलट जाएगी।
गाजियाबाद हज हाउस के बारे में
- 47 डार्मिट्री हाल हज हाउस में हैं
- 36 वीआइपी कमरे हैं।
- 1,886 यात्रियों के ठहरने की क्षमता है।
हज हाउस का निरीक्षण किया गया है। मेंटेनेंस के अभाव में हज हाउस में की हालत खराब है। इसकी आख्या तैयार कर ली है। आख्या को शासन को भेजा जाएगा। इसे पीपीपी मोड या अन्य तरीके से संचालित करने का सुझाव दिया गया है।
- साहित्य निकेश सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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