गाजियाबाद की इस सड़क की बदल जाएगी सूरत, जाम से मिलेगी राहत; दिल्ली-नोएडा वालों को भी फायदा
गाजियाबाद में जाम की समस्या से निजात पाने के लिए जीटी रोड को एनएचएआई को सौंपा जाएगा। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर योजना बनाएंगे। पूर्व में बनी योजना रद्द हो चुकी है इसलिए नई कार्ययोजना बनाई जाएगी। जीटी रोड को चौड़ा करने से जाम की समस्या कम होगी और कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए जीटी रोड को अब एनएचएआइ को हैंडओवर करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके बाद जीटी रोड का कायाकल्प एनएचएआइ द्वारा कराया जाएगा।
इस संबंध में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ जल्द ही एनएचएआइ और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जीटी रोड के कायाकल्प की योजना बनाएंगे।
जीटी रोड के कायाकल्प को लेकर पूर्व सांसद वीके सिंह के कार्यकाल में योजना तैयार की गई थी। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग द्वारा एनएचएआइ को पत्राचार किया गया था। लालकुआं से ज्ञानी बॉर्डर के बीच लगभग 15 किमी. लंबी जीटी रोड का कायाकल्प तीन चरणों में करने का प्लान बनाया गया था।
पहले चरण में लालकुआं से दौलतपुरा आरओबी के बीच का 1.80 किलोमीटर के क्षेत्र में अंडरपास बनाने की योजना थी, दूसरे चरण में दौलतपुरा आरओबी से दिल्ली गेट आरओबी तक 3.60 किमी. के क्षेत्र में एलिवेटेड रोड बनवाने की तैयारी थी और तीसरे चरण में दिल्ली गेट आरओबी से ज्ञानी बार्डर तक 9.50 किलोमीटर तक जीटी राेड का चौड़ीकरण किया जाना था।
यह कार्य होने पर दिल्ली से न केवल गाजियाबाद बल्कि ग्रेटर नोएडा तक की कनेक्टिविटी बेहतर होताी बल्कि लोगों को रोजाना जीटी रोड पर जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी, वीके सिंह के बाद अतुल गर्ग गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने और उन्होंने भी जीटी रोड को जाममुक्त कराने का प्रयास किया, लेकिन नतीजे सकारात्मक नहीं मिले।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से प्रस्ताव को पहले स्वीकृति दी गई लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने कार्यभार संभालने के बाद शहर की प्रमुख समस्याओं के बारे में जानकारी की तो जीटी रोड पर जाम लगने का मामला उनके संज्ञान में आया।
उन्होंने इस रोड के कायाकल्प को लेकर बने प्रस्ताव के बारे में संबंधित अधिकारियों से पूछा तो पता चला कि बजट अधिक होने और जीटी रोड को एनएचएआइ के हैंडओवर न होने के कारण कार्य नहीं हो सका। ऐसे में उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए नए सिरे से कार्ययोजना बनाने की तैयारी की है।
जीटी रोड के कायाकल्प को लेकर पूर्व में बना प्रस्ताव अब निरस्त हो चुका है। लेकिन जल्द ही लोक निर्माण विभाग और एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की जाएगी। जीटी रोड के लालकुआं से ज्ञानी बार्डर तक के हिस्से को लोक निर्माण विभाग से एनएचएआइ को हैंडओवर कराने के दिशा में पहले कार्य किया जाएगा, इसके बाद जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर जीटी रोड के चौड़ीकरण का कार्य कराया जाएगा। जिससे कि जाम की समस्या कम हो और कनेक्टिविटी बेहतर हो। - रविंद्र कुमार मांदड़, जिलाधिकारी।

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