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    गाजियाबाद में घर बनाने का सपना देख रहे लोगों के लिए खुशखबरी, जीडीए ला रहा नई योजना

    Updated: Sun, 05 May 2024 08:13 AM (IST)

    गाजियाबाद में घर बनाने का सपना संजोए बैठे लोगों के लिए खुशखबरी है। लोगों की आवासीय जरूरतों को देखते हुए जीडीए जल्द ही योजना ला रहा है। जीडीए उपाध्यक्ष ने नियोजन व अभियंत्रण अनुभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट हिदायत दी है कि आचार संहिता हटने तक जमीन पर भूखंडों के सृजन व साइट प्लान बनाने का काम हर हाल में पूरा कर लें।

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    खुशखबरी: इंदिरापुरम विस्तार योजना में मकान बनाने का मौका

    विवेक त्यागी, गाजियाबाद। एनसीआर में आशियाना बनाने का सपना संजोए बैठे लोगों के लिए खुशखबरी है। आचार संहिता हटने के बाद जीडीए कनावनी गांव की जमीन पर इंदिरापुरम विस्तार योजना में 80 हजार वर्गमीटर जमीन पर भूखंड सृजित कर लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करेगा।

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    जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देश पर नियोजन अनुभाग भूखंडों के सृजन व अभियंत्रण अनुभाग योजना का साइट प्लान तैयार करने में जुट गए हैं। दरअसल, कनावनी स्थित जमीन जहां इंदिरापुरम विस्तार योजना लाई जा रही है। "

    सुप्रीम कोर्ट से जीडीए के पक्ष में हुआ फैसला

    इस जमीन के अधिग्रहण से संबंधित मुकदमे हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन थे। इसी कारण उक्त जमीन का नियोजन अभी तक नहीं किया गया था। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से जीडीए के पक्ष में फैसला हुआ, जिसके बाद जीडीए ने इंदिरापुरम विस्तार योजना में जमीन पर कब्जा भी ले लिया है।

    जीडीए उपाध्यक्ष ने नियोजन व अभियंत्रण अनुभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट हिदायत दी है कि आचार संहिता हटने तक जमीन पर भूखंडों के सृजन व साइट प्लान बनाने का काम हर हाल में पूरा कर लें। जीडीए उपाध्यक्ष की सख्ती का असर है कि दोनों अनुभागों के अधिकारी-कर्मचारी जोर-शोर से काम में जुटे हैं। इस योजना में ग्रुप हाउसिंग के भूखंड के साथ छोटे आवासीय व व्यावसायिक भूखंड भी होंगे।

    नीलामी में दोगुने रेट पर बिकते हैं जीडीए के भूखंड

    आवासीय भूखंड का रेट 85 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर व व्यावसायिक भूंखड की रेट 1.50 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर आरक्षित है। आचार संहिता हटने के बाद जीडीए नीलामी के जरिये भूखंडों को बेचेगा। नीलामी में जीडीए के भूखंड आरक्षित मूल्य से करीब डेढ़ और दोगुने रेट पर बिकते हैं।

    सड़क व ग्रीन बेल्ट की जमीन छोड़ने के बाद भी 80 हजार वर्गमीटर जमीन में से जीडीए करीब 55-60 हजार वर्ग मीटर जमीन बेच सकेगा। जीडीए अधिकारियों का अनुमान है कि इंदिरापुरम विस्तार योजना में सृजित भूखंड बेचकर प्राधिकरण के कोष में करीब एक हजार करोड़ का इजाफा होगा।

    जीडीए के कोष में इजाफा कर शहर की विकास रफ्तार तेज करना हमारी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल हैं। आचार संहिता हटते ही इंदिरापुरम विस्तार योजना में सृजित भूखंडों को नीलामी के जरिये बेचकर लोगों की आवासीय जरूतों को पूरा किया जाएगा।

    - अतुल वत्स, आइएएस, जीडीए उपाध्यक्ष।