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    हवा-हवाई निकले GDA अफसरों के दावे, घंटों मंथन के बाद भी गाजियाबाद और लोनी के मास्टर प्लान को नहीं मिली मंजूरी

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Sat, 30 Sep 2023 09:00 AM (IST)

    गाजियाबाद के मास्टर प्लान को लेकर जीडीए के अफसरों के बड़े-बड़े दावे हवाई साबित हुए हैं। एक बार फिर जीडीए बोर्ड में गाजियाबाद और लोनी के मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी नहीं मिल सकी। हालांकि मोदीनगर के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है। इसमें गाजियाबाद के मास्टर प्लान समेत वेव सिटी सनसिटी की संशोधित डीपीआर और मेरठ रोड स्थित एक पेट्रोल पंप का प्रस्ताव रखा गया था।

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    मेरठ में जीडीए की बैठक करती मंडायुक्त सौजन्य जीडीए

    जागरण संवाददाता गाजियाबाद। गाजियाबाद के मास्टर प्लान को लेकर जीडीए के अफसरों के बड़े-बड़े दावे हवाई साबित हुए हैं। एक बार फिर जीडीए बोर्ड में गाजियाबाद और लोनी के मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी नहीं मिल सकी। हालांकि, मोदीनगर के मास्टर प्लान को मंजूरी मिल गई है। इससे यहां के विकास का रास्ता साफ हो गया है।

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    शुक्रवार शाम को मेरठ मंडल आयुक्त सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में मेरठ मंडल आयुक्त कार्यालय के सभागार में जीडीए बोर्ड बैठक की बैठक हुई, जो देर रात 10:30 बजे तक चली। इसमें गाजियाबाद के मास्टर प्लान समेत वेव सिटी सनसिटी की संशोधित डीपीआर और मेरठ रोड स्थित एक पेट्रोल पंप का प्रस्ताव रखा गया था।

    नॉन कंपर्मिंग जोन को लेकर असमंजस

    करीब 4:30 घंटे चले मंथन के बाद बोर्ड ने मोदीनगर के मास्टर प्लान को अनुमति दे दी। गाजियाबाद और लोनी में नॉन कंफर्मिंग जोन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। प्राधिकरण के कोष में वृद्धि को नॉन कंफर्मिंग जोन समेत अन्य भू-उपयोग निर्धारित करने के बोर्ड बैठक में निर्देश दिए गए।

    जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि गाजियाबाद व लोनी के मास्टर प्लान को लेकर आपत्ति व सुझाव के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाएगा। रैपिडएक्स के दुहाई डिपो को स्टेशन के रूप में नोटिफाई किए जाने के चलते अब दुहाई डिपो के TOD क्षेत्र के लिए भी आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद आपत्ति और सुझाव पर सुनवाई के बाद समिति निर्णय लेगी और रिपोर्ट उच्च अधिकारी को सौंपेगी।

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    मोदीनगर के मास्टर प्लान को मिली मंजूरी

    मोदीनगर के मास्टर प्लान को हरी झंडी मिलने से लाजिस्टिक पार्क व ट्रक और बस टर्मिनल बनने का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कार्डिनेटर प्लानर एससी गौड़, नियोजक अरविंद कुमार, राजीव रतन शाह, ओएसडी गुंजा सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

    मोदीनगर योजना के भू-उपयोग व क्षेत्रफल

    भू-उपयोग क्षेत्रफल (हे. में)
    आवासीय 3303.08
    व्यावसायिक

    210.55

    औद्योगिक 603.93
    कार्यालय 388.93
    सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक 800.59
    पार्क एवं खुले क्षेत्र 1597.36
    परिवहन 1103.98
    कृषि व ग्रीन बेल्ट 10539.01
    जल निकाय, शूटिंग रेंज, निकाय व अन्य 304.86

    दुहाई डिपो के पास बनेगा किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र

    दुहाई डिपो के पास किसानों को खेती के आधुनिक तरीके सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। एनसीआरटीसी ने विशेष प्रशिक्षण केंद्र बनाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा, हालांकि इसके लिए टेंडर पहले ही आमंत्रित कर लिए गए थे। इस प्रशिक्षण केंद्र में किसान आधुनिक खेती के गुण सीख सकेंगे।

    एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि हमारी कोशिश किसानों को खेती के आधुनिक तकनीक के बारे में जागरूक करने की है। इसी मद्देनज़र यह कवायद की जा रही है। दुहाई डिपो के पास बनने वाले आधुनिक खेती के प्रशिक्षण केंद्र में गाजियाबाद के अलावा आसपास के जिलों के लोग भी आकर आधुनिक खेती के गुण सीख सकेंगे। प्रथम चरण में गाजियाबाद के कई गांव के लोगों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

    GDA अफसरों की कार्यशैली पर उठे सवाल

    पिछली बोर्ड बैठक में भी गाजियाबाद के मास्टर प्लान को आपत्ति लगाकर बोर्ड ने खारिज कर दिया था। इसके बाद लखनऊ तक जीडीए के अफसरों की किरकिरी हुई थी। इसे लेकर जीडीए अफसरों ने पिछले दिनों कई बैठकें की थीं और बार-बार दावा किया था कि इस बार जो मास्टर प्लान बनाया जाएगा।

    उसमें किसी तरह की आपत्ति न आए इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा, लेकिन अफसरों की इन सभी मैराथन बैठकों का नतीजा शून्य निकला और वह नान कन्फर्मिंग जोन को लेकर उठ रहे सवालों का तोड़ नहीं ढूंढ पाए। इससे जीडीए अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।

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