गाजियाबाद में नौकरी के नाम पर महिलाओं से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस ने दो को दबोचा
निवाड़ी पुलिस ने समाज कल्याण विभाग में नौकरी के नाम पर महिलाओं से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। मुख्य आरोपी और उसकी महिला साथी को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने एक साल में दस महिलाओं से 25 लाख रुपये ठगे थे। आरोपी फर्जी दस्तावेज दिखाते थे और रेनू के खाते में पैसे मंगवाते थे।

जागरण संवाददाता, मोदीनगर। समाज कल्याण विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर महिलाओं से रकम ठगने वाले गिरोह का निवाड़ी पुलिस ने शनिवार को पर्दाफाश किया है। मुख्य आरोपित व उसकी साथी महिला को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपित एक साल में दस महिलाओं से 25 लाख रुपये की ठगी कर चुके थे। आरोपित विभाग के फर्जी दस्तावेज दिखाकर महिलाओं को झांसे में लेते थे। उनके पास से सेना का फर्जी आईकार्ड, चार मोबाइल, एक टैबलेट समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। गिरफ्तार आरोपित पर नौ व महिला साथी पर तीन मुकदमे दर्ज हैं।
एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित मुजफ्फरनगर जिले के थाना खतौली क्षेत्र के मूलचंद विहार का अरविंद शर्मा व निवाड़ी के गांव पैंगा की रेनू पंवार हैं। आरोपितों ने चार महीने पहले पैंगा की महिला प्रीति को समाज कल्याण कल्याण विभाग में नौकरी का झांसा देकर दो लाख रुपये ठगे थे।
प्रीति की शिकायत पर केस दर्ज कर एसीपी मोदीनगर ने जांच शुरू की। जांच की तो अन्य तथ्य सामने आए। छानबीन में आरोपितों द्वारा ठगी के अन्य मामले भी सामने आए। पुलिस ने खाते का लेनदेन चेक किया तो रेनू का नाम सामने आया है।
रेनू से पूछताछ की तो अरविंद के बारे में पता चला। पुलिस ने दोनों से पूछताछ शुरू की। पता चला कि आरोपितों ने महिलाओं को ठगने का गिरोह बनाया हुआ है। अरविंद पर निवाड़ी में दो व मसूरी, मुरादनगर, बागपत, मुजफ्फरनगर व मेरठ में एक-एक मुकदमा दर्ज है।
जरूरतमंद महिलाओं की करते थे तलाश
आराेपित अरविंद जरूरतमंद महिलाअों की तलाश में रहता था। आसपास के जिलों में कुछ महिला संगठनों के वह संपर्क में भी था। जरूरतमंद महिला मिलने पर रेनू को उसके पास भेजता था। रेनू उस महिला को विभाग में नौकरी के बारे में बताती थी। जिसके बाद अरविंद वहां जाकर रौब जताता था।
बोलता था कि समाज कल्याण विभाग के बड़े अधिकारी उसके संपर्क में हैं। पूर्व में कई लोगों की नौकरी लगवाने की बात कहता था। उनकी नियुक्ति के फर्जी नियुक्ति पत्र तक दिखाता था। इतना ही नहीं, आरोपित ठगी की सारी रकम को रेनू पंवार के खाते में ही मंगाता था।बाद में एटीएम से रकम निकाल लेता था।
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