गाजियाबाद में बेहोश मरीज को इमरजेंसी में छोड़कर भाग गए लाने वाले लोग, मचा हड़कंप
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में बुखार के मरीजों की भारी भीड़ रही। लालकुआं से लाए गए एक बेहोश मरीज को उसके साथी अस्पताल में छोड़कर भाग गए जिसकी बाद में मौत हो गई। ओपीडी में 341 बुखार के मरीज आए जिनमें 45 बच्चे थे। डॉक्टर ने बुखार होने पर पीसीएम लेने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता,गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल में मंगलवार सुबह को लालकुआं से लेकर बेहोशी की हालत में एक मरीज को लेकर पहुंचे उसके साथी मरीज को इमरजेंसी में छोड़कर भाग गये। बाद में चिकित्सकों ने जांच के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया।
सीएमएस के निर्देश पर ईएमओ ने स्थानीय पुलिस को इसकी लिखित में सूचना भेजी है। मृतक का नाम रविन्द्र सिंह है। सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को ओपीडी में 45 बच्चों समेत बुखार के 341 मरीज पहुंचे।
जिला एमएमजी अस्पताल, संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल और डूंडाहेड़ा अस्पताल की ओपीडी में कुल 1694 मरीज पहुंचे। इनमें 245 बीमार बच्चे शामिल रहे। ओपीडी में पहुंचे 34 लोगों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया। इनमें से सात को हालत बिगड़ने पर हायर सेंटर रेफर किया गया।
उधर अवकाश के चलते ओपीडी 11 बजे ही बंद हो गई। ऐसे में इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ गई। अधिकांश मरीज एआरवी लगावने पहुंचे। कुछ बुखार एवं पेट दर्द होने पर इमरजेंसी में पहुंचे।
फिजिशियन डॉ. आलोक रंजन की सलाह है कि बुखार होने पर केवल पीसीएम की गोली लें। तीन दिन बाद डेंगू और मलेरिया की जांच कराएं। फुल स्लीव के कपड़े पहनें। मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। घर में पानी एकत्र न होने दें। बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
21 बच्चों समेत 197 लोगों ने लगवाई एआरवी
सरकारी अस्पतालों में मंगलवार को कुत्ते,बिल्ली और बंदरों के काटने पर कुल 197 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे। सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें पहली डोज लगवाने वाले 21 बच्चों समेत 74 लोग शामिल हैं।
जिला एमएमजी अस्पताल में 196 में से आठ बच्चों समेत 50 लोगों ने पहली डोज लगवाई। संयुक्त अस्पताल में 101 में से 13 बच्चों समेत 24 लोगों को पहली डोज लगाई गई। तीन लोगों को एंटी रेबीज सीरम भी लगाया गया।
जिला महिला अस्पताल में परखे गये आग बुझाने के इंतजाम
जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को आग बुझाने के इंतजामों को परखने के लिए माकड्रिल किया गया। सीएमएस डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि माकड्रिल में 32 फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग किया गया। इसमें सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करते हुए आग बुझाने का लाइव डेमो किया।
जयपुर के अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद सरकारी अस्पताल अपने स्तर पर आग बुझाने के इंतजामों को बेहतर बनाने में जुट गये हैं। इसके अलावा स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत अस्पताल में दो सौ से अधिक महिलाओं की जांच के अलावा काउंसलिंग की गई।
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