गाजियाबाद में आसानी से सुलझेंगे पारिवारिक विवाद, परामर्श केंद्र में ही होगी विवादों की काउंसलिंग
गाजियाबाद में दंपतियों के पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र पर काउंसलिंग की जाएगी। थानों से आने वाले विवाद भी यहीं भेजे जाएंगे। काउंसलरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और नए केबिन बनाए गए हैं। पिंक बूथ अब एंटी रोमियो स्क्वॉड की तरह काम करेंगे। पिछले साल 695 मामलों में से 127 में समझौता हुआ था।

विनीत कुमार, गाजियाबाद। दम्पतियों के आपसी विवाद व उनसे जुड़े अन्य पारिवारिक विवादों को निपटाने के लिए अब जिले में संचालित परिवार परामर्श केंद्र पर काउंसलिंग की जाएगी। कमिश्नरेट में बनाए गए 20 पिंक बूथों पर मार्च में शुरू किए गए परिवार परामर्श केंद्रों पर काउंसलिंग बंद की जा रही है।
सभी थानों में आने वाले ऐसे विवादों को भी सीधे परिवार परामर्श केंद्र भेजा जाएगा। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलरों की मौजूदा संख्या पांच से बढ़ाकर 10 की जाएगी। काउंसलिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाए गए हैं।
दांपत्य जीवन में कई बार छोटा-मोटा झगड़ा विवाद का रूप ले लेता है। जब लड़का पक्ष व लड़की पक्ष के परिजन आपस में विवाद को नहीं सुलझा पाते हैं तो वे पुलिस या कोर्ट की शरण लेते हैं। ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए परिवार परामर्श केंद्र की भूमिका अहम हो जाती है। काउंसलिंग के जरिए दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी बातें सुनी जाती हैं।
इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से विवाद का निपटारा किया जाता है। तीन महीने में तीन काउंसलिंग में समस्या का समाधान करने का प्रयास होता है, लेकिन उसमें भी यदि दोनों पक्ष सहमत नहीं होते हैं तो पुलिस केस दर्ज कर लेती है या फिर दोनों पक्षों को कोर्ट जाने की सलाह देती है। परिवार परामर्श केंद्र में प्रतिदिन 15-20 आवेदन आ रहे हैं।
एंटी रोमियो स्क्वॉड की तरह काम करेंगे पिंक बूथ
परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलिंग समाप्त होने के बाद पिंक बूथ एंटी रोमियो स्क्वॉड की तरह काम करेंगे। ये स्कूल-कॉलेजों के आसपास छात्राओं से छेड़छाड़, महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे। महिलाओं से संबंधित अपराध महिला थाने में दर्ज किए जाएंगे। महिला थाने में काउंसलिंग भी बंद कर परिवार परामर्श केंद्र को भेजे जाएंगे।
पिछले साल 127 मामलों में हुआ था समझौता
पिछले साल परिवार परामर्श केंद्र में 695 मामले आए थे, जिनमें से 127 मामलों में दोनों पक्ष आपसी सहमति से साथ रहने को राजी हुए थे। इस साल 31 मई तक 634 मामले आए, जिनमें से 56 मामलों में समझौता हो चुका है। कई मामलों में काउंसलिंग चल रही है। परिवार परामर्श केंद्र में प्रभारी निरीक्षक समेत 11 पुलिसकर्मियों का स्टाफ है।
परिवार परामर्श केंद्र में व्यवस्थाएं बढ़ाई जा रही हैं। काउंसलिंग के लिए नया केबिन भी बनाया गया है। पिंक बूथ पर भी ऐसी शिकायतें सुनी जा रही हैं।
-आलोक प्रियदर्शी, अपर पुलिस आयुक्त
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