गाजियाबाद में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, बीमा कंपनियों को 300 डालर में बेचते थे अमेरिकी मरीजों का डेटा
गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच और पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। ये कॉल सेंटर अमेरिका के बीमार नागरिकों का डेटा विदेशी कंपनियों को बेचता था। पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है जो सॉफ्टवेयर डेवलपर के नाम पर पंजीकृत थे। वे अमेरिकी नागरिकों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेकर उसे बेचते थे जिससे उन्होंने करोड़ों रुपये कमाए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। अमेरिका के बीमार नागरिकों का डेटा विदेशी हेल्थ कंपनियों बेचने वाले 11 लोगों को क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम और क्राॅसिंग रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी साॅफ्टवेयर डेवलपर के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर फर्जी काॅल सेंटर चला रहे थे। आरोपी कैंसर मरीज का 300 डालर (26357.88 रुपये) और शुगर के मरीज का 200 डालर (17,557.60 रुपये) में डेटा बेचते थे।
ये लोग आठ वर्ष में 38.4 करोड़ रुपये का डेटा बेच चुके हैं। काॅल सेंटर में 25 लोग काम कर रहे थे। पुलिस ने सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
एडीसीपी अपराध पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि क्राॅसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के ऑर्बिट प्लाजा में वर्ष 2018 से फर्जी काॅल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी। मौके से पुलिस ने काॅल सेंटर संचालक मनीष उर्फ मोनू सहित 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
मोनू ने वर्ष 2021 में नेशनल कंप्यूटर एकेडमी (एनसीए) में रजिस्ट्रेशन कराया। साॅफ्टवेयर और गेम डेवलप करने के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया गया था, जबकि सेंटर के बाहर यूनिहेल्थ केयर सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड लिखा हुआ था।
आरोपी वीसी डायलर साॅफ्टवेयर से अमेरिकी नागरिकों को कनेक्ट करते थे। काॅल सेंटर के सदस्य खुद को अमेरिका की हेल्थ सर्विस कंपनी हेल्थ वैलनेस, जेनेटिक सर्विस आदि का प्रतिनिधि बनकर फर्जी नाम लेकर बात करते थे।
अमेरिकी नागरिकों को हेल्थ सर्विस मुहैया कराने का भरोसा देकर उनका डेटा लेते थे। अमेरिकी नागरिकों से उनकी बीमारी का नाम, उनकी आयु, वजन, लंबाई, नाम, निवास स्थान, आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी लेते थे।
इसके बाद इस डेटा को अमेरिका में बैठे टानी और जैक नाम के व्यक्ति को बेच देते थे। यह डेटा अमेरिकी हेल्थ कंपनियों तक पहुंचता था।
पुलिस ने इनके पास 25 कंप्यूटर, 25 हेडफोन, 11 यूपीएस, तीन मुहर, दो मोबाइल, नौ राउटर, एक लैपटाप, 10 मेडीकेयर स्क्रिप्ट, 20 हजार की नकदी और एक कार बरामद की हैं।
पुलिस फरार तीन युवती सहित अन्य साथियों की तलाश में जुटी है। बता दें कि पुलिस की नाक के नीचे आठ वर्ष से फर्जी काॅल सेंटर चलता रहा। काॅल सेंटर में नौकरी करने वाले एक युवक ने पुलिस से इस संबंध में शिकायत की थी। जिसके बाद पुलिस ने काॅल सेंटर पर छापेमारी की।
35 से 45 हजार रुपये तनख्वाह मिलती थी
मोनू काॅल सेंटर में नौकरी करने वालों को 35 से 45 हजार रुपये की प्रतिमाह तनख्वाह देता था। आरोपी अमेरिकी टाइम के अनुसार काॅल सेंटर में काम करते थे। इनका काम शाम सात बजे शुरू होता था और रात तीन बजे तक चलता था।
प्रतिदिन करते थे 600 लोगों को करते थे काॅल
आरोपी इंटरनेट से अमेरिकी लोगों के मोबाइल नंबर निकालते थे। इसके बाद प्रतिदिन 500 से 600 लोगों को काॅल करते थे।
इतनी काॅल करने पर प्रतिदिन छह से सात बीमार अमेरिकी लोगों का डेटा मिल जाता था। मोनू का साला अमेरिका में रहता है। वह भी इनकी की मदद करता था।
नागालैंड की युवती सिखाती थी अमेरिकी अंग्रेजी
पुलिस ने बताया कि नागालैंड निवासी रिंगमाइका नाम की युवती को अमेरिकी एसेंट में अंग्रेजी बोलना सिखाती थी। काॅल सेंटर में काम करने वालों को अंग्रेजी में लिखी एक स्क्रिप्ट दी जाती थी।
युवक उसे रटते थे, जिससे अमेरिकी नागरिक को उन पर शक न हो। मोनू ने अंग्रेजी ऑनर्स में स्नातक किया हुआ है। इससे पहले वह नोएडा के एक काॅल सेंटर में नौकरी करता था। जबकि अन्य युवकों ने भी अलग-अलग विषय में स्नातक किया हुआ है।
ये आरोपी पकड़े
- मनीष मिश्रा उर्फ मोनी निवासी निवासी ग्राम खेतराज पुर जिला संभलपुर उड़ीसा।
- अजय कुमार यादव निवासी मोहन बाबा नगर ताजपुर, थाना बदरपुर दक्षिण दिल्ली।
- शिवम त्यागी निवासी ग्राम डूंडाहैड़ा थाना क्राॅसिंग रिपब्लिक।
- रजनीश कुमार सिंह निवासी शंकर विहार लाल कुआं।
- सूजल त्यागी निवासी ग्राम छपरौला थाना बादलपुर जनपद गौतमबुद्ध नगर ।
- हिमांशु वर्मा निवासी राकेश मार्ग थाना सिहानी गेट।
- मोहित सिंह निवासी सैन विहार विजयनगर।
- संजीव यादव निवासी सैन विहार, विजयनगर।
- प्रकाश सिंह नेगी निवासी इंदिरा नगर द्वितीय पिद्दूखत्ता लाल कुआं उत्तराखंड।
- हिमांशु कौशिक निवासी ग्राम बहचोला मवाना रोड मेरठ।
- अंकुर कुमार निवासी काली मंदिर रोड, थाना कोतवाली जनपद गोरखपुर।
इस तरह बिकता था मरीजों का डेटा
- मरीज - डाटा की कीमत
- शुगर मरीज : 200 डालर
- कैंसर मरीज : 300 डालर
- बीपी का मरीज : 150 डालर
- मोटापा : 200 डालर
- लिवर मरीज : 300 डालर
- किडनी का मरीज : 250 डालर
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