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    Ghaziabad Crime: फेसबुक पर दोस्ती कर 11वीं की छात्रा से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की सजा

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 08:32 PM (IST)

    गाजियाबाद में फेसबुक पर दोस्ती के बाद एक युवक ने 11वीं की छात्रा को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म किया। कोर्ट ने आरोपी सलमान को 10 साल की सजा सुनाई और 30 हजार का जुर्माना लगाया। साहिबाबाद थाने में मामला दर्ज हुआ था जिसमे आरोपी पीड़िता को रामपुर ले गया था। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। कोर्ट ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई।

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    फेसबुक पर दोस्ती कर 11वीं की छात्रा से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की सजा

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद युवक द्वारा दूसरे समुदाय की 11वीं की छात्रा को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म के करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) ने सजा सुनाई। सलमान उर्फ समीर उर्फ सैम को 10 वर्ष की सश्रम कारावास के साथ उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मामला साहिबाबाद थाना क्षेत्र का है। छात्रा को दोषी अपने साथ रामपुर ले गया था।

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    विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स के मुताबिक साहिबाबाद थाने 19 नवंबर 2019 को एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उनकी 16 वर्षीय बेटी 11वीं कक्षा की छात्रा है। वह अपने चाचा के घर गई थी। इस दौरान उनकी बेटी को सलमान अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गया। पुलिस ने सलमान को गिरफ्तार कर लिया था। किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराया गया।

    मेडिकल में शारीरिक संबंध की पुष्टि हुई

    मेडिकल में शारीरिक संबंध की पुष्टि हुई थी। किशोरी ने पुलिस को बताया कि सलमान उसका फेसबुक पर दोस्त था। वह राजबाग कालोनी में रहता है। सलमान ने उससे रामपुर चलने के लिए कहा। सलमान ने रामपुर लेजाकर उसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया। उसे रामपुर में चार दिन रखा। मां के फोन करने पर वह वापस आ गए।

    साहिबाबाद पुलिस स्टेशन लेकर पहुंचा

    इसके बाद सलमान उसे साहिबाबाद पुलिस स्टेशन लेकर पहुंचा। पुलिस ने सलमान के खिलाफ दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। सलमान जमानत मिल चुकी थी। बृहस्पतिवार को वह कोर्ट में उपस्थित था। उसे न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीरज गौतम की कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई।

    लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 वर्ष की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

    भारतीय दंड संहिता 363 के अपराध में पांच वर्ष की सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। धारा 366 के तहत सात वर्ष सश्रम कारावास और पांच हजार का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी। जुर्माने में से 10 हजार रुपये पीड़िता को देने होंगे।