Eastern Peripheral Expressway पर बनेंगे ले-बाय, किनारे पर नहीं खड़े होंगे ट्रक; हादसों पर लगेगी लगाम
गाजियाबाद के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) पर अब ट्रकों को सड़क पर खड़ा नहीं किया जा सकेगा। एनएचएआई 120 करोड़ रुपये की लागत से पांच स्थानों पर ट्रक ले-बाय बना रहा है जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। डासना के पास निर्माण कार्य शुरू हो चुका है जहां एक बार में 40 ट्रक पार्क हो सकेंगे। अब सड़क पर ट्रक खड़ा करने पर कार्रवाई की जाएगी।

हसीन शाह, गाजियाबाद। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) पर अब ट्रक सड़क पर खड़े नहीं हो सकेंगे। ट्रक या अन्य भारी वाहन खड़े करने के लिए ईपीई पर पांच स्थानों पर 120 करोड़ रुपये से ट्रक ले-बाय बनाए जाएंगे। डासना के पास ले-बाय बनाने का काम शुरू हो गया है। ट्रक ले-बाय बनने से हादसों में कमी आएगी।
ईपीई छह लेन का 135 किलोमीटर है। यह हरियाणा के पलवल से शुरू होकर गाजियाबाद और बागपत से होते हुए सोनीपत तक जाता है। इस पर सबसे अधिक मालवाहक ट्रक चलते हैं। ईपीई पर पहले से ही ले-बाय बनाना प्रस्तावित था, लेकिन ट्रक ले-बाय बनाए बिना ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने वर्ष 2018 से यह वाहनों के लिए खोल दिया।
ले-बाय नहीं होने के कारण पिछले सात वर्ष से ट्रक अवैध रूप से सड़क पर ही पार्क हो रहे हैं। कांवड़ यात्रा शुरू होने या फिर गाजियाबाद में रूट डायवर्जन होने पर भारी वाहनों को ईपई पर ही रोक दिया जाता है। ऐसे में कभी-कभी तो कई दिन में ट्रक ईपीई पर खड़े रहते हैं।
ट्रकों की लंबी कतार लग जाती है। एक लेन पर कब्जा हो जाता है। ईपीई पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से वाहन दौड़ते हैं। सड़क पर ट्रक पार्क होने से हादसे का खतरा 50 प्रतिशत बढ़ जाता है। पूर्व में ईपीई पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं।
एनएचएआई द्वारा ईपीई पर पांच स्थानों पर ट्रक ले-बाय बनाए जाएंगे। डासना कल्लूगढ़ी के पास ले-बाय बनाने का काम शुरू हो गया है। एनएचएआइ की ओर से अभी यह नहीं बताया गया है कि ले-बाय बनाने का काम कब तक खत्म हो जाएगा। ले-बाय पर एक बार में करीब 40 ट्रक खड़े हो सकेंगे। नियम के अनुसार ले-बाय 30 से 50 किलोमीटर की दूरी बर बनाए जाते हैं।
नींद आने पर सड़क पर ट्रक खड़ा कर सो जाते हैं चालक
ट्रक चालक नींद आने पर सड़क पर ही ट्रक को खड़ा करने के बाद सो जाते हैं। हादसे का खतरा बढ़ने के साथ इससे यातायात बाधित होता है। डायवर्जन होने पर या आराम करने के लिए चालक ले-बाय पर ट्रक खड़ा कर सकेंगे।
पुलिस और आरटीओ भी टोल निरीक्षण के समय ट्रकों को यहां खड़ा करवा सकेंगे। किसी आपात स्थिति मसलन बीमारी, ईंधन खत्म होना आदि होने पर यहां ट्रक खड़े होंगे। ले बाय बनने पर यदि ट्रक सड़क पर खड़ा होता है तो उस पर कार्रवाई होगी।
ईपीई पर पांच स्थानों पर लगभग 120 करोड़ रुपये से ट्रक ले-बाय बनाए जाएंगे। ले-बाय पर चालक ट्रक पार्क कर सकेंगे। ले-बाय बनाने के लिए अलग से भूमि नहीं खरीदी गई है। एनएचएआई की भूमि पर ही ये बनेंगे।
- मृदुल मिश्रा, प्रबंधक, ईपीई (एनएचएआई)
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