संविदाकर्मियों की तैनाती में उड़ रही नियमों की धज्जियां, आदेश नहीं मान रहे ऊर्जा निगम के अधिकारी
गाजियाबाद में ऊर्जा निगम के अधिकारी प्रबंध निदेशक के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं जिसमे संविदाकर्मियों को उनके निवास स्थान के पास तैनात न करने और शहरी क्षेत्रों में तीन वर्ष से अधिक एक ही जगह पर न रखने का आदेश है। कई कर्मचारी 10-15 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं और अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

लक्ष्य चौधरी, गाजियाबाद। पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले के बिजली घरों और फीडरों पर संविदाकर्मियों की तैनाती में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आदेश था कि किसी भी संविदाकर्मी को उसके निवास स्थान वाले फीडर या बिजली घर पर तैनात न किया जाए।
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पांच वर्ष और शहरी क्षेत्रों में तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही जगह पर तैनाती नहीं होनी चाहिए। लेकिन हकीकत यह है कि शहर के कई बिजली घरों पर संविदाकर्मी 10 से 15 वर्षों से लगातार जमे हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो इन कर्मचारियों का कभी भी स्थानांतरण नहीं किया गया। नियमों के मुताबिक तय समय सीमा पूरी होने के बाद कर्मचारियों को दूसरे डिवीजन और सर्कल में भेजा जाना अनिवार्य है, मगर अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह व्यवस्था केवल कागजों तक सीमित रह गई है।
शहर के नेहरू नगर, गांधी नगर, पटेल नगर और कविनगर बिजली घरों का हाल यही बयां कर रहा है। बिजली घरों पर तैनात नौ कर्मचारियों में से पांच से सात कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से लगातार एक ही जगह पर डटे हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि लंबे समय तक एक ही जगह पर तैनाती के चलते इन कर्मचारियों की सांठगांठ अधिकारियों से है। यही वजह है कि शिकायत होने के बावजूद अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। ऊर्जा निगम के अधिकारियों का कहना है कि प्रबंध निदेशक के आदेशों का पालन किया जा रहा है। कोई शिकायत आती है तो उसका संज्ञान लिया जाता है।
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