Ghaziabad Bus Service: गाजियाबाद की सड़कों पर दौड़ेंगी 38 नई ई-बसें, लोगों का सफर होगा आसान
गाजियाबाद में 38 ई-बसों के संचालन पर फैसला लेने के लिए परिवहन निगम की एक समिति जल्द ही बैठक करेगी। चार्जिंग स्टेशन के अभाव में बसें डिपो में खड़ी हैं। समिति वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार करेगी क्योंकि चार्जिंग स्टेशन बनने में अभी समय लगेगा। अधिकारियों का कहना है कि निजी स्टेशनों से चार्जिंग की संभावना तलाशी जा रही है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। परिवहन निगम को मिलीं 38 ई-बसों के संचालन के लिए अब समिति बैठक कर निर्णय लेगी। इसमें तय किया जाएगा कि बसों के संचालन के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।
समिति में क्षेत्रीय प्रबंधक केसरी नंदन चौधरी, सेवा प्रबंधक बिजय चौधरी व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार रहेंगे। अभी सभी ई-बसें चार्जिंक स्टेशन के अभाव में साहिबाबाद डिपो की वर्कशाप में धूल फांक रही हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) से जिले को ई-बसें मिले दो सप्ताह से अधिक हो चुके हैं। बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन नहीं बनने से संचालन नहीं हो पा रहा है। चार्जिंग स्टेशन न बनने का मुख्य कारण साहिबाबाद डिपो में विद्युत कनेक्शन का कार्य पूरा न होना है।
माना जा रहा है कि इस कार्य को पूरा होने में एक माह से अधिक लग जाएगा। दरअसल, दिसंबर 2023 में यूपीएसआरटीसी ने गाजियाबाद से दूसरे शहरों के लिए 38 ई-बस संचालित करने की योजना तैयार की थी। साहिबाबाद डिपो की वर्कशॉप में ई-बसों की चार्जिंग के लिए स्टेशन बनाया जाना था।
अधिकारियों की समिति बसों के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी करने की योजना बनाएगी, जिससे बसें खड़ी न रहें। अधिकारियों का कहना है कि किसी निजी चार्जिंग स्टेशन से ई-बसों को चार्ज करने की भी व्यवस्था पर बात बन सकती है।
कनेक्शन के लिए 22.78 लाख अभी तक नहीं किए जमा
साहिबाबाद डिपो की वर्कशाप में स्टेशन के लिए 1740 किलोवाट का कनेक्शन होना है। इसके लिए परिवहन निगम 50.67 लाख रुपये का शुल्क विद्युत निगम में जमा कर चुका है।
साहिबाबाद डिपो पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में आने के बाद चार्जिंग स्टेशन का स्थान बदलना पड़ा था। परिवहन निगम को अभी 22.78 लाख रुपये और जमा करना है। इस बजट की मांग मुख्यालय से की गई है।
जल्द ही ई-बसों के संचालन के लिए बैठक की जाएगी। उसमें फैसला लिया जाएगा कि बसों की चार्जिंग के लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे संचालन हो सके।
-राजेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, साहिबाबाद डिपो
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