गाजियाबाद में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ा, लापरवाही बरतने वालों की नहीं खैर; 24 घंटे में मिले 10 नए मरीज
गाजियाबाद में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है जहां 24 घंटे में पांच-पांच नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील क्षेत्रों में लार्वा ढूंढने और बुखार की जांच के लिए अभियान चलाया है। सीएमओ ने लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के इलाज के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं और जांच मुफ्त की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। बारिश के बीच शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोगों का फैलना शुरू हो गया है। खासकर डेंगू और मलेरिया ने पैर पसारने शुरू कर दिये हैं। 24 घंटे में मलेरिया के पांच और डेंगू के पांच नए मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में डेंगू मच्छर का लार्वा ट्रेस करने और बुखार के मरीजों की आन स्पाट जांच को विशेष अभियान शुरू कर दिया है।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने आदेश जारी करते हुए चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को चेतावनी दी है कि जांच करने, लार्वा ट्रेस करने और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में लापरवाही बरतने वालों की खैर नहीं है।
लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। रिपोर्ट के अनुसार जिले में जनवरी से लेकर छह सितंबर तक डेंगू के 59 और मलेरिया के 56 केस मिल चुके है। नए मिलने वाले मरीजों में शनिवार को डेंगू के दो और मलेरिया के एक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुल छह डेंगू और एक मलेरिया का मरीज अस्पताल में भर्ती है।
रिपोर्ट में पता चला है कि अगस्त के अंत तक जांच को डेंगू के 12 से 15 सैंपल डीपीएचएल में पहुंच रहे थे, लेकिन पिछले सात दिन में यह संख्या 30 से 35 तक पहुंच गई है। आशंका जताई जा रही है कि अधिक वर्षा होने के चलते इस बार नवंबर तक डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि संभव है।
मलेरिया के केसों ने तो पिछले पांच साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। जिला सर्विलांस अधिकारी की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अब तक चिकनगुनिया के तीन और लेप्टोस्पाइरोसिस के तीन मरीज मिल चुके हैं। टायफायड के मरीजों की संख्या सौ को पार कर गई है। बुखार के अलावा उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है।
सावधान रहें और सतर्कता बरतें
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि आने वाले दिनों में गंभीर संकामक रोगों जैसे (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफायड, स्क्रबटाइफस, लैप्टोपाइरोसिस ) बीमारियों के फैलने की आशंका है। इन बीमारियों से जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
लापरवाही बरतने पर मृत्यु भी हो सकती है। सीएमओ के निर्देश पर जिला एमएमजी , जिला महिला, संयुक्त अस्पताल के साथ सभी सीएचसी पर डेंगू और मलेरिया उपचार के लिए बैड आरक्षित कर दिए गए हैं। डेंगू वार्ड बनाये गये हैं।
इसके अलावा सीएचसी डासना, लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, बम्हैटा, 50 बैड अस्पताल लोनी, 50 बैड अस्पताल डूंडाहेड़ा और नगरीय एवं ग्रामीण प्राथमिक केन्द्रों पर डेंगू व मलेरिया की जांच प्रतिदिन निश्शुल्क की जा रही है।
यह सावधानी बरतें
- डेंगू का मच्छर (एडीज) स्वच्छ एवं रूके पानी मे पैदा होता है। घरों में कूलर में पानी को निकाल दें, छत की टंकियों पर ढक्कन अवश्य होना चाहिये। छत पर जमा वर्षा का पानी निकाल दें।
- गमले, पक्षियों के पानी पीने को रखे हुऐ पोट में एडीज मच्छर के लार्वा न पनपने पायें।छतों एवं खुले में रखे हुए बेकार और पुराने टायर, टूटे-फूटे बर्तनों की सफाई जरूर करें।
- लंबे समय के लिये घर से बाहर जा रहे हैं, तो बाथरूम इत्यादि में रखी हुई बाल्टी और टब को पलट कर रखें। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है।
- फुल स्लीव के ही कपड़े पहने और पैरों को ढक कर रखें। आसपास पानी जमा न होने दें।घर के आस-पास गन्दगी होने पर पार्षद और ग्राम प्रधान से संपर्क करके साफ-सफाई व्यवस्था कराने के लिए कहें।बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल का उपयोग करें एवं कोई भी अन्य दर्द निवारण दवा जैसे डिस्प्रिन, ब्रूफिन इत्यादि दवाओं का सेवन न करें।
- चिकित्सक से परामर्श कर जांच करायें। जिला एमएमजी चिकित्सालय परिसर में स्थित आईडीएसपी लैब पर डेंगू, मलेरिया की जांच निश्शुल्क होती है।
पिछले पांच वर्षों का संक्रामक रोगों का विवरण
वर्ष | डेंगू | मलेरिया |
---|---|---|
2021 | 1238 | 31 |
2022 | 901 | 19 |
2023 | 1261 | 28 |
2024 | 196 | 27 |
2025 | 59 | 56 |
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