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    Ghaziabad News: 200 गंभीर आर्थिक अपराधों की जांच करेगी क्राइम ब्रांच, नहीं पड़ेगी SIT बनाने की जरूरत

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 12:58 PM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस ने आर्थिक अपराधों की जांच के लिए क्राइम ब्रांच इंवेस्टीगेशन टीम बनाई है जिसमें 12 निरीक्षक तैनात किए गए हैं। यह टीम धोखाधड़ी घोटाले और जमीन से जुड़े 200 मामलों की जांच करेगी। पुलिस आयुक्त का उद्देश्य साइबर अपराध की जांच में तेजी लाना और थाना पुलिस पर दबाव कम करना है। इससे कोर्ट में जल्द चार्जशीट दाखिल करने में मदद मिलेगी।

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    जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त गाजियाबाद। फोटो सौजन्य- जागरण

    विनीत कुमार, गाजियाबाद। गंभीर आर्थिक अपराध की जांच के लिए पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच इंवेस्टीगेशन टीम में 12 निरीक्षक तैनात किए हैं। इस टीम को शुरुआत में कमिश्नरेट के 200 मामले दिए जाएंगे जिनकी जांच शुरू की जाएगी। यह सभी मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं और उनकी जांच मौजूदा समय में चल रही है।

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    धोखाधड़ी, घोटाले और जमीन एवं बैंक धोखाधड़ी एवं ठगी से जुड़े मामलों की जांच इस टीम को दी जाएगी। आने वाले दिनों में कमिश्नरेट में आर्थिक गड़बड़ी के मामलों में एसआइटी बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

    कमिश्नरेट में आर्थिक अपराध और साइबर अपराध की जांच पेशेवर तरीके से करने और कम समय में पूरा करने के लिए पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड ने 12-12 अतिरिक्त इंस्पेक्टर दिए हैं। आने वाले दिनों में दोनों टीमों में और पुलिसकर्मियों को लगाया जाएगा।

    जनपद में दर्ज होने वाले करीब 20 प्रतिशत मामले धोखाधड़ी से जुड़े हुए होते हैं। थाना पुलिस पर जांच का बोझ कम करने और ट्रेंड पुलिसकर्मियों से जांच कराने के उद्देश्य से क्राइम ब्रांच और साइबर टीम को मजबूत किया जा रहा है।

    डीसीपी स्तर से बड़े मामलों की जांच क्राइम ब्रांच इंवेस्टीगेशन टीम (सीबीआइटी) से कराने की सिफारिश अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था को भेजी जाएगी।

    आदेश हाेने के बाद जांच सीबीआइटी को ट्रांसफर हो जाएगी। जिन थानों में दारोगा थानाध्यक्ष हैं उन थानों में दर्ज साइबर क्राइम के मामलों की जांच साइबर क्राइम इंवेस्टीगेशन टीम (सीसीआइटी) से कराई जाएगी।

    साइबर क्राइम की जांच का समय घटाया जाएगा

    साइबर क्राइम की जांच का समय घटाने के लिए साइबर क्राइम इंवेस्टीगेशन टीम (सीसीआइटी) में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। आने वाले दिनों में निरीक्षकों की संख्या 20 हो जाएगी। इससे एक समय में सीसीआइटी 20 केसों की जांच कर सकती है। इससे केस की जांच में लगने वाले समय को घटाना है।

    क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम टीम विशेषज्ञता के साथ जांच तेजी से पूरी करेंगी। इससे पुलिस को कोर्ट में चार्जशीट शीघ्र दाखिल करने में मदद मिलेगी।

    जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त