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    दिल्ली-NCR में यहां पर फर्जी शादियों पर नया नियम के बाद पंजीकरण में आई भारी गिरावट

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 05:59 PM (IST)

    गाजियाबाद में फर्जी शादियों पर लगाम लगाने के लिए आईजी निबंधन के नए नियम लागू किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार शादी का पंजीकरण कराने के लिए शादी कराने वाले या परिवार के सदस्य की गवाही अनिवार्य है। नए नियम से पंजीकरण में भारी कमी आई है जो फर्जी शादियों पर रोक लगाने में मदद करेगा। एसआईटी जांच में पता चला कि पहले फर्जीवाड़ा कर हजारों शादियां कराई गईं।

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    नए सर्कुलर से फर्जी शादियों पर लगा ब्रेक, जिले में तीन गुना तक कम हुआ पंजीकरण। फाइल फोटो

    अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में फर्जी शादियों के पंंजीकरण को लेकर आइजी निबंधन की ओर से जारी सर्कुलर का आसार अब दिखने लगा है। जिले में शादियों के पंजीकरण की संख्या में तीन गुना तक कमी आई है।

    इससे स्पष्ट हो रहा है कि नए नियम से अब फर्जी तरीके से शादियों का पंजीकरण कराने वालों की दाल नहीं गल रही है। नए नियम के तहत शादी का पंजीकरण कराने पर शादी कराने वाले व्यक्ति या शादी में शामिल होने वाले परिवार के सदस्य की गवाही अनिवार्य की गई है, पहले यह नियम नहीं था।

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    नया सर्कुलर जारी होने के बाद जिले में इस साल जून माह में 709 शादियों का पंजीकरण हुआ है, जबकि पिछले साल जून माह में 2,396 शादियों का पंजीकरण गाजियाबाद के आठ निबंधन कार्यालय में कराया गया था।

    आईजी निबंधन समीर वर्मा की ओर से छह जून को शादियों के पंजीकरण को लेकर सर्कुलर जारी किया गया था। इसके तहत वैवाहिक स्थल नहीं बल्कि वर - वधु और उनके माता - पिता के निवास स्थान के आधार पर संबंधित तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी का पंजीकरण कराने का नियम बनाया गया है।

    नया सर्कुलर जारी होने से पहले गाजियाबाद में शादियों के पंजीकरण पर सवाल उठे थे। जिले में बिना मान्यता प्राप्त चल रहे आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट पर फर्जीवाड़ा कर शादियों को कराने के आरोप लगे थे। इस संबंध में पिछले साल अलग - अलग थानों में कुल पांच मामले दर्ज किए गए थे।

    शासन स्तर से इस मामले में जांच एसआइटी गठित की गई थी। एसआइटी जांच में पता चला कि फर्जीवाड़ा कर पांच साल में जिले में 20 हजार शादियां कराई गई हैं, शादी करने वालों में विभिन्न प्रदेशों के वर - वधु शामिल थे। शादी करने वालों में कुछ लड़कियां नाबालिग थीं, जिनका फर्जी आधार प्रमाण पत्र भी तैयार कराया गया था।

    केस स्टडी एक - दिसंबर 2020 में कविनगर थाने में आर्य मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी कराने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। शादी करने वाला युवक राजस्थान का रहने वाला था।

    केस स्टडी दो - अक्टूबर 2024 में नंदग्राम थाने में आर्य समाज मंदिर ब्रजनगरी के प्रबंधकों पर रिपोर्ट दर्ज की गई, जांच में पता चला कि विवाह के वक्त गवाह विजय का आधार कार्ड फर्जी था।

    वर्ष 2025 में शादियों के पंजीकरण की स्थिति

    माह - संख्या

    • जनवरी - 2,987
    • फरवरी - 3,085
    • मार्च - 1,170
    • अप्रैल - 911
    • मई - 1,986
    • जून - 709
    • जुलाई अब तक - 402

    वर्ष 2024 में शादियों के पंजीकरण की स्थिति

    माह - संख्या

    • जनवरी - 2,372
    • फरवरी - 2,796
    • मार्च - 2,434
    • अप्रैल - 2,895
    • मई - 3,052
    • जून - 2,396
    • जुलाई - 3,063

    आईजी निबंधन के सर्कुलर के अनुसार ही सभी उप निबंधकों को शादियों का पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे की फर्जी शादियों का पंजीकरण न हो सके। अब जिले में शादियों के पंजीकरण की संख्या में कमी आई है। - पुष्पेंद्र कुमार, आईजी, निबंधन विभाग